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18 Dec 2021 · 1 min read

प्रेम का मधुमास

प्रेम का मधुमास खिले तब
बसन्त आवेग का बहे जब
भँवरे मडराये उस फूल
पराग कण मिले जिस प्रसून

जीवन की ऊर्जा पराग में
जीवन पल्लवित अनुराग में
श्वांस से श्वांस स्वर मिले
सृष्टि सृजन भी इसी से चले

उदभव विकास और ह्रास
निरन्तर चले , भले हो त्रास
पराग कण से विकसे सजीव
बिना जिसके जीवन निर्जीव

Language: Hindi
80 Likes · 535 Views
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