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11 Dec 2021 · 1 min read

अनदेखा

ऐसे मत इग्नोर करिए रिश्तों को
मजबूत डोर में बाँधिए रिश्तों को
माता – पिता का हो या अन्य कोई
ठेस न पहुँचाईए उनको कोई

पति न अनदेखा करे पत्नी को
पत्नी न अनदेखा करे पत्नी को
एक चुम्बक के दो ध्रुव है दोनों
संजो रखिये अनमोल रिश्तों को

आहत मन विदीर्ण हो गया क्यूँ
वादों का पैमाना टूट गया है क्यूँ
घर बन रहे है कुरुक्षेत्र की भूमि
गुलिस्तां सा महकाईए रिश्तों का

Language: Hindi
76 Likes · 564 Views
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