डाॅ. बिपिन पाण्डेय Tag: कविता 19 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid डाॅ. बिपिन पाण्डेय 15 Jan 2024 · 1 min read प्रमाणिका छंद उरी के शहीदों को समर्पित - ------------------- प्रमाणिका छंद ।ऽ। ,ऽ ।ऽ, ।ऽ जगण,रगण,लघु और गुरु रहा कराह देश है, न शर्म बंधु लेश है। रहे सभी मना यही,सने न... Hindi · कविता 1 76 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 14 Sep 2023 · 1 min read प्यारी भाषा हिंदो हिंदी दिवस पर- अपनी प्यारी भाषा हिंदी। जन जन की अभिलाषा हिंदी। और अधिक क्या करूँ प्रशंसा, जीवन की परिभाषा हिंदी।।1।। जीवन का हर मर्म बताती। अर्णव से यह रत्न... Hindi · कविता 112 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 29 Jun 2023 · 1 min read शंकर छंद शंकर छंद ( 16,10 पर यति) चरणांत में 21 मानव तन जो हमें मिला वह ,ईश का वरदान। नश्वर,क्षण-भंगुर काया पर,मत करें अभिमान। पाँव रखें पृथ्वी पर जब भी, भरें... Hindi · कविता 1 173 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 29 May 2023 · 1 min read वेदांत का खजाना जिनकी प्रतिभा और विद्वता,पड़ी सभी पर भारी। उन्हें विवेकानंद नाम से, दुनिया सदा पुकारी।। रूप तेज लावण्य देख था,जग जिनका दीवाना, पूर्ण किया अध्यात्म ज्ञान को,दे वेदांत खजाना। देशभक्ति की... Poetry Writing Challenge · कविता 115 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 29 May 2023 · 1 min read पूज्य विवेकानंद प्रतिभा और बुद्धि का लोहा,मान रहा संसार। पूज्य विवेकानंद करें हम,नमन तुम्हें सौ बार।। जिनकी वाणी का हम सारे,पीते हैं मकरंद, उनको कहती है ये दुनिया,पूज्य विवेकानंद। हर भारतवासी करता... Poetry Writing Challenge · कविता 42 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 29 May 2023 · 1 min read करना है संघर्ष चाह यदि जीवन में उत्कर्ष। निरंतर करना है संघर्ष।। मिलेगी फिर निश्चय ही जीत, बनेगी सारी दुनिया मीत। राह में बाधक रहा विमर्ष, निरंतर करना है संघर्ष।। स्वयं को मत... Poetry Writing Challenge · कविता 54 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 29 May 2023 · 1 min read आया नवल बसंत सखी री आया नवल बसंत। हुए हैं सुरभित सभी दिगंत।। सजीले दिखते हैं तरु गात। बढ़ाते शोभा उनकी पात। छटा यह रहे वर्ष पर्यंत। सखी री आया नवल बसंत।। भ्रमर... Poetry Writing Challenge · कविता 1 283 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 27 May 2023 · 1 min read दिल में पीड़ा अँखुआई है दिल में पीड़ा, सन्नाटे को पढ़कर। ग्रहण लगाती है खुशियों को, गर्द गमों की चढ़कर।। जान बचाने के लोगों को, पड़े हुए हैं लाले। छोड़ सुरक्षा कवच अनोखा,... Poetry Writing Challenge · कविता 1 155 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 27 May 2023 · 1 min read नर्म बिछौना मत समझो जीवन को प्यारे, कोमल नर्म बिछौना। उबड़-खाबड़ पगडंडी- सा चलता तिरछा -आड़ा, कभी जेठ की तपती गर्मी, कभी शीत का जाड़ा। मंदिर में घड़ियाल बजाता, करता काम घिनौना।... Poetry Writing Challenge · कविता 161 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 27 May 2023 · 1 min read सहमा- सा माहौल पेशानी पर बल हैं सबके, सहमा-सा माहौल, तोड़ रही है दम मानवता, उड़ता रोज़ मखौल। बस बिधिना से आस लगाए बैठा एक गरीब। दो गज धरती मरने पर भी उसको... Poetry Writing Challenge · कविता 171 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 27 May 2023 · 1 min read सच में शक्ति अकूत कैसे दें दुनिया को बोलो, पक्के ठोस सबूत, सच में शक्ति अकूत! चौखट पर जाने वाले को, धमकाता कानून? होकर बरी घूमते दोषी, होता सच का खून। लथपथ बेबस बना... Poetry Writing Challenge · कविता 113 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 27 May 2023 · 1 min read करनी होगी जंग दहशत भरकर दुनिया में जो, करते हैं जीवन बेरंग। करनी होगी उनसे जंग। डाल गले में पट्टा घूमें, लगता जैसे धर्म अफीम। गर्हित सोच बवंडर लाती, घूमें बच्चे बने यतीम।... Poetry Writing Challenge · कविता 204 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 27 May 2023 · 1 min read परंपरा का घूँघट लिया समय ने करवट। जिसके हिस्से में रहती थी हर पग पर दुश्वारी, स्वप्नों के बटुवे में उसके आई दुनिया सारी। शिक्षा के झोंके ने उलटा परंपरा का घूँघट। रही... Poetry Writing Challenge · कविता 182 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 3 Jan 2023 · 3 min read आदित्य हृदय स्त्रोत अथ श्री आदित्य हृदय स्त्रोत ( काव्य भावानुवाद) दोहा- खड़े राम रण-क्षेत्र में,चिंतित एवं क्लांत। देख दशानन सामने,किंचित हुए अशांत।।1 ऋषि अगस्त्य प्रभु राम के,पास गए तत्काल। स्त्रोत मंत्र दे... Hindi · कविता 2 4 213 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 11 Mar 2021 · 3 min read शिव ताण्डव स्तोत्रम् का भावानुवाद शिव ताण्डव स्तोत्रम् सरसी छन्द- जिनकी सघन जटाओं से है,निःसृत गंगा धार। पड़े गले में रहते जिनके, नित सर्पों के हार। बजा बजा जो डम डम डमरू,ताण्डव करें प्रचंड। उन... Hindi · कविता 3 4 1k Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 20 Feb 2020 · 3 min read शिव ताण्डव स्तोत्रम् शिव ताण्डव स्तोत्रम् का भावानुवाद सरसी छन्द- जिनकी सघन जटाओं से है,निःसृत गंगा धार। पड़े गले में रहते जिनके, नित सर्पों के हार। बजा बजा जो डम डम डमरू,ताण्डव करें... Hindi · कविता 1 286 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 5 Jun 2018 · 3 min read शिव ताण्डव स्तोत्रम् का भावानुवाद शिव ताण्डव स्तोत्रम् सरसी छन्द- जिनकी सघन जटाओं से है,निःसृत गंगा धार। पड़े गले में रहते जिनके, नित सर्पों के हार। बजा बजा जो डम डम डमरू,ताण्डव करें प्रचंड। उन... Hindi · कविता 1 420 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 11 Feb 2018 · 1 min read कविता देश का बचपन ------------------- आँखों में मासूमियत चेहरे पर भोलापन, कंधे पर डाले एक फटी पुरानी बोरी गली- गली घूमता, हर कूड़े के ढेर मे तलाशता जिंदगी,देश का बचपन। स्कूल,किताबें,खेल... Hindi · कविता 266 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 11 Feb 2018 · 1 min read तकदीर तकदीर- ----------- चमचमाती मर्सिडीज में मेम साहब की गोदी में बैठे हुए डाॅगी को गली के कुत्ते ने देखा- जो पास में खड़े हुए व्यक्ति के सामने दुम हिल रहा... Hindi · कविता 498 Share