Deepshika Sagar 25 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Deepshika Sagar 25 Aug 2021 · 1 min read ग़ज़ल बस यूँ ही- ज़माने की रविश के साथ तुम बहती नदी निकले, बहुत उम्मीद थी तुमसे मगर तुम भी वही निकले। हर इक शय पर वो क़ादिर है अगर उसकी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 209 Share Deepshika Sagar 15 Aug 2021 · 1 min read जय हिंद ऊंचा है तिरंगा कि निराली जहां में शान, रंगीन कई फूलों से है अपना गुलिस्तान। रहमान के संग राम का करते हैं सभी मान, ईसा भी हैं नानक भी यहां... Hindi · कविता 1 2 528 Share Deepshika Sagar 21 Jun 2016 · 1 min read दोहे सागर प्यासा ही रहा, पी पी सरिता नीर, कैसी अनबुझ है तृषा, कैसी अनकथ पीर। सागर से मिलने चली, सरिता मन मुस्काय, बाँहों में लेकर उसे, गहरे दिया डुबाय। सौ... Hindi · कविता 2 747 Share Deepshika Sagar 21 Jun 2016 · 1 min read मुक्तक निशाने पर सदा बिजली के रहता आशियाना है, ख़ुशी की ख़ुदकुशी का भी निशां दिल में पुराना है। खरीदा हसरतों को बेच कर ख्वाबों की कीमत पर, हमारे पास बस... Hindi · कविता 2 2 1k Share Deepshika Sagar 21 Jun 2016 · 1 min read मुक्तक -चार मिसरे- डूबता है दिल सफीना, दर्द की बरसात में, खून ही टपका किया बस ख्वाब का ज़ज़्बात में। चाँद मेरे चाँद से कहना कि तेरा चाँद ये, बस तड़प... Hindi · कविता 2 269 Share Deepshika Sagar 21 Jun 2016 · 1 min read अन्य कलाधर छंद-लय -मनहरण घनाक्षरी नैन में लिए उजास, मन्द मन्द है सुहास, अंग अंग राधिका सुवास प्रीत घोलती। श्वांस श्वांस नाम श्याम, जाप ध्यान आठ याम, प्राण प्राण मीत को... Hindi · कविता 2 2 691 Share Deepshika Sagar 18 Jun 2016 · 1 min read दोहे चैन अमन के फूल अब, चमन करें गुलजार, मिलकर हम सब ही करें, हिंसा का प्रतिकार। कविता से जागृत करें, हम ये सकल समाज, अमन चैन सद्भाव के, दीप जलाएं... Hindi · कविता 1 601 Share Deepshika Sagar 18 Jun 2016 · 1 min read अन्य घनाक्षरी -सभी स्नेही मित्रों को सादर नमन- छम छम बरसात, झूमते सुमन पात, हरियाली कण कण, धरा सरसा रही। गरज गरज घन,भिगो रहे तन मन, बिजुरी से लिपट जी, घटा... Hindi · कविता 1 591 Share Deepshika Sagar 18 Jun 2016 · 1 min read ग़ज़ल कब किसी के कहे से रुकी ज़िन्दगी, छलछलाती नदी सी बही ज़िन्दगी। लफ्ज दर लफ्ज़ मिलती नई साँस अब, शायरी शौक से हो गई ज़िन्दगी। दी मुहब्बत इसे उम्र सारी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 562 Share Deepshika Sagar 13 Jun 2016 · 1 min read दोहे शब्द शब्द मुखरित हुआ, छंद छंद नव गीत, मन वीणा बजने लगी, कुसुमित होती प्रीत। गीत नही ये साजना,प्रणय भाव निष्काम, जीवन के हर पृष्ठ पर, प्रीतम तेरा नाम। रात... Hindi · दोहा 1 581 Share Deepshika Sagar 13 Jun 2016 · 1 min read मुक्तक बुलन्दी की शिखा तक मैं, शिखा बन आस की चलती, नयन में या किसी के मैं, शिखा बन ख्वाब की पलती। शिखा हूँ मैं जले जाना , यही फितरत सदा... Hindi · मुक्तक 389 Share Deepshika Sagar 13 Jun 2016 · 1 min read मुक्तक छलका छलका एक समन्दर आँखों में, टूटे ख्वाबों का हर मंज़र आँखों में। बेगानेपन से घायल दिल को करता, एक नुकीला चुभता खंज़र आँखों में। दीपशिखा सागर- Hindi · मुक्तक 342 Share Deepshika Sagar 13 Jun 2016 · 1 min read ग़ज़ल हमसफ़र है न हमनवा अपना, बस सफर में है काफिला अपना। मुख्तलिफ जावियों में ढालेंगे, तू बहर तू ही काफ़िया अपना। अश्क़ देते रहे नमी इनको, ज़ख्म इक इक रहा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 531 Share Deepshika Sagar 13 Jun 2016 · 1 min read ग़ज़ल दर्द को अब मुँह चिढ़ाना आ गया, आसुंओं में मुस्कुराना आ गया। फ़र्ज़ पर देकर बयाना मौत को, क़र्ज़ साँसों का चुकाना आ गया। हाय कातिल वो निगाहों की छुरी,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 254 Share Deepshika Sagar 13 Jun 2016 · 1 min read अन्य भोर का सुहाना चित्र रक्तिम आभा ले उगता है, प्राची में दिनकर, उषा किरण की डोली बैठी, धूप नवल चढ़कर। आशाओं की डोरी थामे, भोर उतरती है, सृष्टि रचयिता धरणी... Hindi · कविता 422 Share Deepshika Sagar 13 Jun 2016 · 1 min read मुक्तक प्रणय में इम्तिहानों का सदा ही दौर चलता है, सदा ही डूब दिल बस आग के दरिया निकलता है। यही हँस कर कहा है आबलों ने पैर के हमसे, मुहब्बत... Hindi · मुक्तक 1 273 Share Deepshika Sagar 13 Jun 2016 · 1 min read कुण्डलिया बिन मोबाइल हाथ में, रहे न ऊंची शान, जपूँ फेस बुक रोज मैं, व्हाट्स एप में ध्यान। व्हाट्स एप में ध्यान , दाल चूल्हे पर जलती, साग नमक है तेज़,... Hindi · कुण्डलिया 509 Share Deepshika Sagar 13 Jun 2016 · 1 min read मुक्तक मेरा दूसरा मुक्तक- अन्याय हँसे खुलकर, ये न्याय अदालत है, निर्दोष सज़ा पाते, खूनी को' रियायत है। धृतराष्ट्र बने बैठे, संसद के' सभी आका, बस चोर डकैतों की , बेशर्म... Hindi · मुक्तक 1 424 Share Deepshika Sagar 19 May 2016 · 2 min read ग़ज़ल आँखो से ही कह दो जानम, गुप् चुप ही इक़रार करो, हमने कब ये माँगा तुमसे, चाहत को अखबार करो। शीशे का जो दिल रक्खोगे, चूर चूर हो जाएगा, इस... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 439 Share Deepshika Sagar 19 May 2016 · 1 min read मुक्तक उडी है नींद आँखों से, हुआ अब चैन भी है गुम, चमन में आज दिल के, तितलियाँ चाहत की हैं गुमसुम। चली जाएंगी सांसे भी, तुम्हारे साथ ही साजन, गिरह... Hindi · मुक्तक 2 770 Share Deepshika Sagar 19 May 2016 · 1 min read अन्य एक त्वरित प्रयास- कविता का यही प्यार,सृजन का है खुमार, मंच ये अनूठा मीत, हिय में बसे है। ज्ञान का करे उजास, नवांकुर की है आस, अनगढ़ काव्य को ये,... Hindi · कविता 624 Share Deepshika Sagar 19 May 2016 · 1 min read मुक्तक मान सम्मान से नही डरता, खतरा ए जान से नही डरता। तैर के दरिया पार करता है, इश्क़ तूफ़ान से नही डरता। दीपशिखा- Hindi · मुक्तक 325 Share Deepshika Sagar 19 May 2016 · 1 min read मुक्तक हर कली सहमी हुई, गायब हुई हैं शोखियाँ, चल पड़ी हैं आग लेकर, जाने कैसी आँधियाँ। ये ज़माने के बदलते आज मन्ज़र देखिये, डर रही हैं बागबां से भी चमन... Hindi · मुक्तक 401 Share Deepshika Sagar 19 May 2016 · 1 min read गज़ल अहसास के फलक पर, चाहत की बदलियाँ हैं, दिल के चमन में उड़ती, खुशियों की तितलियाँ हैं। अच्छे दिनों का देखो क्या खूब है नज़ारा, बस भूख से तड़पती बेहाल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 587 Share Deepshika Sagar 19 May 2016 · 1 min read ग़ज़ल ए मुहब्बत ज़रा करम कर दे, इश्क़ को मेरे मोहतरम कर दे। कर अता वस्ल के हसीं लम्हे, दूर फ़ुर्क़त का दिल से गम कर दे। दिल की बंज़र ज़मीन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 320 Share