Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Jun 2016 · 1 min read

दोहे

चैन अमन के फूल अब, चमन करें गुलजार,
मिलकर हम सब ही करें, हिंसा का प्रतिकार।

कविता से जागृत करें, हम ये सकल समाज,
अमन चैन सद्भाव के, दीप जलाएं आज।

खून डकैती से भरे, रोज यहाँ अखबार,
आतंकी सिर पर खड़े, अमन हुआ लाचार।

शांति दूत बनकर कभी, देता था सन्देश,
तरस रहा है अम्न को, मेरा भारत देश।

अमन चैन की बात अब, हुआ गूलरी फूल,
मानवता ज़ख़्मी हुई, कौन सुधारे भूल।

दीपशिखा सागर –

Language: Hindi
1 Like · 589 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
भोले नाथ है हमारे,
भोले नाथ है हमारे,
manjula chauhan
आसान शब्द में समझिए, मेरे प्यार की कहानी।
आसान शब्द में समझिए, मेरे प्यार की कहानी।
पूर्वार्थ
" फ़ौजी"
Yogendra Chaturwedi
Someone Special
Someone Special
Ram Babu Mandal
इंडियन टाइम
इंडियन टाइम
Dr. Pradeep Kumar Sharma
कुटुंब के नसीब
कुटुंब के नसीब
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
*कालरात्रि महाकाली
*कालरात्रि महाकाली"*
Shashi kala vyas
एक शब के सुपुर्द ना करना,
एक शब के सुपुर्द ना करना,
*Author प्रणय प्रभात*
"घर की नीम बहुत याद आती है"
Ekta chitrangini
अनकही बातों का सिलसिला शुरू करें
अनकही बातों का सिलसिला शुरू करें
पंकज पाण्डेय सावर्ण्य
इश्क़ का दस्तूर
इश्क़ का दस्तूर
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
अगर मेघों से धरती की, मुलाकातें नहीं होतीं (मुक्तक)
अगर मेघों से धरती की, मुलाकातें नहीं होतीं (मुक्तक)
Ravi Prakash
गजल
गजल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
बालबीर भारत का
बालबीर भारत का
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
अन्त हुआ आतंक का,
अन्त हुआ आतंक का,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
भालू,बंदर,घोड़ा,तोता,रोने वाली गुड़िया
भालू,बंदर,घोड़ा,तोता,रोने वाली गुड़िया
Shweta Soni
जब  भी  तू  मेरे  दरमियाँ  आती  है
जब भी तू मेरे दरमियाँ आती है
Bhupendra Rawat
हमारा भारतीय तिरंगा
हमारा भारतीय तिरंगा
Neeraj Agarwal
मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
वक्त से पहले..
वक्त से पहले..
Harminder Kaur
नजरो नजरो से उनसे इकरार हुआ
नजरो नजरो से उनसे इकरार हुआ
Vishal babu (vishu)
*जमीं भी झूमने लगीं है*
*जमीं भी झूमने लगीं है*
Krishna Manshi
सर्द हवाओं का मौसम
सर्द हवाओं का मौसम
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
फ़लसफ़े - दीपक नीलपदम्
फ़लसफ़े - दीपक नीलपदम्
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
ज़िद से भरी हर मुसीबत का सामना किया है,
ज़िद से भरी हर मुसीबत का सामना किया है,
Kanchan Alok Malu
राजनीति अब धुत्त पड़ी है (नवगीत)
राजनीति अब धुत्त पड़ी है (नवगीत)
Rakmish Sultanpuri
Forget and Forgive Solve Many Problems
Forget and Forgive Solve Many Problems
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
औरों के धुन से क्या मतलब कोई किसी की नहीं सुनता है !
औरों के धुन से क्या मतलब कोई किसी की नहीं सुनता है !
DrLakshman Jha Parimal
"आँख और नींद"
Dr. Kishan tandon kranti
राधा और मुरली को भी छोड़ना पड़ता हैं?
राधा और मुरली को भी छोड़ना पड़ता हैं?
The_dk_poetry
Loading...