Tag: कविता
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मैं भारत हूं मैं भारत हूं मैं भारत हूं मैं भारत हूं मैं।
अनुराग दीक्षित
जय हिन्द देश, जय हिन्दुस्तान।
अनुराग दीक्षित
क्रूर नियति की भेंट चढ़ गया भारत माँ का लाल।
अनुराग दीक्षित
इस तरह रक्षाबंधन मनायेंगे हम।
अनुराग दीक्षित
मन का मीत
अनुराग दीक्षित
सखी री आई तीज !
अनुराग दीक्षित
बहुत सुहानी लगती ये बरसात है।
अनुराग दीक्षित
प्रेम की बात
अनुराग दीक्षित
जीवन नहीं सरल।
अनुराग दीक्षित
मेरे अधरों का राग बनो।
अनुराग दीक्षित
आखिर क्यों सबको भरमाया
अनुराग दीक्षित
प्रेम के खत
अनुराग दीक्षित
प्रेम के खत न मैं लिख सकूंगा सनम।
अनुराग दीक्षित
मिलकर कदम बढ़ाना होगा।
अनुराग दीक्षित
जिन्दगी से हाथ धोने से भला अच्छा यही!
अनुराग दीक्षित
तुम फिर आओ गिरधारी!
अनुराग दीक्षित
हिन्द है अपना वतन हिन्दी हमारी शान।
अनुराग दीक्षित
मातृ-वन्दना ।
अनुराग दीक्षित
हे कान्हा तुम फिर आना ।
अनुराग दीक्षित
भारत नया बनायेंगे ।
अनुराग दीक्षित
अवध में फिर से आये राम ।
अनुराग दीक्षित
बेसबब वफाओं के फूल क्यों खिलाते हो ।
अनुराग दीक्षित
है सकल संसार मेरा माँ तुम्हारी गोद में ।
अनुराग दीक्षित
अनुपम उपहार ।
अनुराग दीक्षित
कोरोना की मधुशाला!!
अनुराग दीक्षित
मिलकर कदम बढ़ाना होगा।
अनुराग दीक्षित
जिन्दगी से हाथ धोने से भला अच्छा यही!
अनुराग दीक्षित
नहीं भूल सकते हम ऐसे वीरों की कुर्बानी ।
अनुराग दीक्षित
जख्म सीनें में दबाकर रखते हैं।
अनुराग दीक्षित
फकत उपदेश देने से ।
अनुराग दीक्षित
अमर रहे गणतंत्र हमारा, लोकतंत्र का मान रहे।
अनुराग दीक्षित
माना डगर कठिन है चलना सतत मुसाफिर ।
अनुराग दीक्षित
तुम्हें युग प्रवर्तक है शत शत नमन।
अनुराग दीक्षित
इंसानियत का रिश्ता होता है सबसे आला।
अनुराग दीक्षित
वन में नाचे मोर सखी री वन में नाचे मोर।
अनुराग दीक्षित
वन उपवन मृग भरें कुलांचें सुरभित मन्द समीर बहे।
अनुराग दीक्षित
आवाज मुझे देकर जब चाहे बुला लेना ।
अनुराग दीक्षित
मिट्टी की जय बोल रे मनवा मिट्टी की जय बोल।
अनुराग दीक्षित
नया साल शुभ हो ।
अनुराग दीक्षित
कब तक सहन करेंगे हम सब माँ बहनों का यूँ अपमान।
अनुराग दीक्षित
आओ हम सींचें फुलवारी !
अनुराग दीक्षित
संवर रहा है अपना भारत।
अनुराग दीक्षित
पग पग दीप करे उजियारा।
अनुराग दीक्षित
तेरी एक नज़र तेरी एक अदा,दिल मेरा है तुझ पर फिदा।
अनुराग दीक्षित
कब तक रावण का वध होगा।
अनुराग दीक्षित
हे पितर देव आशीष शीश पे धरिये।
अनुराग दीक्षित
हे गणराज पधारो ।
अनुराग दीक्षित
कृष्ण हमारे प्राण अधारे ।
अनुराग दीक्षित
देश की खातिर लुटाए जो जवानी।
अनुराग दीक्षित
सखी री मोरी मेहंदी है रंग लाई।
अनुराग दीक्षित