Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Aug 2021 · 1 min read

सखी री आई तीज !

सखी री आई तीज !

सखी री आई तीज बड़ी मनभावन

माँ गौरा से आशिष पावें
है अति पर्व ये पावन
मिल सोलह श्रृंगार करें सखि मौसम मधुर सुहावन

सखी री आई तीज बड़ी मनभावन।

आओ झूमें नाचें मिल सब
गीत चलें सब गावन,
पूजा व्रत कर करूं प्रार्थना

जन्मों रहूं सुहागन।

सखी री आई तीज बड़ी मनभावन।

रिमझिम रिमझिम मेघा बरसें
हिय हुलसाए सावन
झूला झूलूंगी जी भरके
झूंका दें मोरे साजन

सखी री आई तीज बड़ी मनभावन।

अनुराग दीक्षित

Language: Hindi
415 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from अनुराग दीक्षित
View all
You may also like:
........
........
शेखर सिंह
जुदाई की शाम
जुदाई की शाम
Shekhar Chandra Mitra
इस नयी फसल में, कैसी कोपलें ये आयीं है।
इस नयी फसल में, कैसी कोपलें ये आयीं है।
Manisha Manjari
पलकों की
पलकों की
हिमांशु Kulshrestha
"कहाँ छुपोगे?"
Dr. Kishan tandon kranti
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
भ्रांति पथ
भ्रांति पथ
नवीन जोशी 'नवल'
गरीब
गरीब
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
कुछ अलग लिखते हैं। ।।।
कुछ अलग लिखते हैं। ।।।
Tarang Shukla
विश्व पुस्तक मेला, दिल्ली 2023
विश्व पुस्तक मेला, दिल्ली 2023
Shashi Dhar Kumar
🌙Chaand Aur Main✨
🌙Chaand Aur Main✨
Srishty Bansal
तेरी यादों में लिखी कविताएं, सायरियां कितनी
तेरी यादों में लिखी कविताएं, सायरियां कितनी
Amit Pandey
2624.पूर्णिका
2624.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
मैं तेरा श्याम बन जाऊं
मैं तेरा श्याम बन जाऊं
Devesh Bharadwaj
तुम्हें अहसास है कितना तुम्हे दिल चाहता है पर।
तुम्हें अहसास है कितना तुम्हे दिल चाहता है पर।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
■ ट्रिक
■ ट्रिक
*Author प्रणय प्रभात*
भतीजी (लाड़ो)
भतीजी (लाड़ो)
Kanchan Alok Malu
सत्याग्रह और उग्रता
सत्याग्रह और उग्रता
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
मेरी हर कविता में सिर्फ तुम्हरा ही जिक्र है,
मेरी हर कविता में सिर्फ तुम्हरा ही जिक्र है,
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
मायड़ भौम रो सुख
मायड़ भौम रो सुख
लक्की सिंह चौहान
*बस एक बार*
*बस एक बार*
Shashi kala vyas
बेअदब कलम
बेअदब कलम
AJAY PRASAD
सच कहूं तो
सच कहूं तो
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
दुःख  से
दुःख से
Shweta Soni
आज तुम्हारे होंठों का स्वाद फिर याद आया ज़िंदगी को थोड़ा रोक क
आज तुम्हारे होंठों का स्वाद फिर याद आया ज़िंदगी को थोड़ा रोक क
पूर्वार्थ
आग़ाज़
आग़ाज़
Shyam Sundar Subramanian
जब वक्त ने साथ छोड़ दिया...
जब वक्त ने साथ छोड़ दिया...
Ashish shukla
ज़रूरी तो नहीं
ज़रूरी तो नहीं
Surinder blackpen
दिल को लगाया है ,तुझसे सनम ,   रहेंगे जुदा ना ,ना  बिछुड़ेंगे
दिल को लगाया है ,तुझसे सनम , रहेंगे जुदा ना ,ना बिछुड़ेंगे
DrLakshman Jha Parimal
कितना और बदलूं खुद को
कितना और बदलूं खुद को
Er. Sanjay Shrivastava
Loading...