Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Dec 2020 · 1 min read

जिन्दगी से हाथ धोने से भला अच्छा यही!

जिन्दगी से हाथ धोने से भला अच्छा यही।

जिन्दगी से हाथ धोने से भला अच्छा यही
खुद से अपने हाथ धोवें सबको समझावें सही
ना छुयें चेहरा स्वयं का तय ये कर लेवें सभी
संक्रमित से माहिरों ने तीन फुट दूरी कही

जिन्दगी से हाथ धोने से भला अच्छा यही ।
छींकने औ खांसने में स्वच्छ कपड़ा रख सही
कुछ दिनों को तप करें रह कर सभी जन स्वग्रही
स्वच्छ हो परिवेश तन मन स्वस्थ हो पूरी मही

जिन्दगी से हाथ धोने से भला अच्छा यही ।

दिख रहा मंजर अजब है वबा छाई हर कहीं
हर निगहबां का यहाँ अब फर्ज हरगिज़ है यही
एक एकादश को समझावे हकीकत हर कहीं

जिन्दगी से हाथ धोने से भला अच्छा यही ।

अनुराग दीक्षित

14 Likes · 46 Comments · 980 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from अनुराग दीक्षित
View all
You may also like:
हर लम्हा
हर लम्हा
Dr fauzia Naseem shad
*बरसात (पाँच दोहे)*
*बरसात (पाँच दोहे)*
Ravi Prakash
चिंगारी के गर्भ में,
चिंगारी के गर्भ में,
sushil sarna
*सा रे गा मा पा धा नि सा*
*सा रे गा मा पा धा नि सा*
sudhir kumar
मुस्कुरा दो ज़रा
मुस्कुरा दो ज़रा
Dhriti Mishra
एक ही दिन में पढ़ लोगे
एक ही दिन में पढ़ लोगे
हिमांशु Kulshrestha
The Journey of this heartbeat.
The Journey of this heartbeat.
Manisha Manjari
आज का यथार्थ~
आज का यथार्थ~
दिनेश एल० "जैहिंद"
"धरती गोल है"
Dr. Kishan tandon kranti
एक मैसेज सुबह करते है
एक मैसेज सुबह करते है
शेखर सिंह
जब भी बुलाओ बेझिझक है चली आती।
जब भी बुलाओ बेझिझक है चली आती।
Ahtesham Ahmad
Lamhon ki ek kitab hain jindagi ,sanso aur khayalo ka hisab
Lamhon ki ek kitab hain jindagi ,sanso aur khayalo ka hisab
Sampada
" आज भी है "
Aarti sirsat
3222.*पूर्णिका*
3222.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ज़िंदगी के तजुर्बे खा गए बचपन मेरा,
ज़िंदगी के तजुर्बे खा गए बचपन मेरा,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ऐ मेरे हुस्न के सरकार जुदा मत होना
ऐ मेरे हुस्न के सरकार जुदा मत होना
प्रीतम श्रावस्तवी
*पुस्तक*
*पुस्तक*
Dr. Priya Gupta
आलोचना
आलोचना
Shekhar Chandra Mitra
Yesterday ? Night
Yesterday ? Night
Otteri Selvakumar
" टैगोर "
सुनीलानंद महंत
खो कर खुद को,
खो कर खुद को,
Pramila sultan
माँ-बाप का किया सब भूल गए
माँ-बाप का किया सब भूल गए
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
आयी ऋतु बसंत की
आयी ऋतु बसंत की
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
"उड़ान"
Yogendra Chaturwedi
दोय चिड़कली
दोय चिड़कली
Rajdeep Singh Inda
🙅अमोघ-मंत्र🙅
🙅अमोघ-मंत्र🙅
*Author प्रणय प्रभात*
कहाॅ॑ है नूर
कहाॅ॑ है नूर
VINOD CHAUHAN
कागज मेरा ,कलम मेरी और हर्फ़ तेरा हो
कागज मेरा ,कलम मेरी और हर्फ़ तेरा हो
Shweta Soni
"लाभ का लोभ”
पंकज कुमार कर्ण
Feelings of love
Feelings of love
Bidyadhar Mantry
Loading...