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7 May 2021 · 1 min read

प्रेम की बात

प्रेम की बात को मौन जज़्बात को
बिन कहे बिन छुये वो समझ जायेगा।

राधिके कृष्ण को प्रेम के प्रश्न को
कौन समझा है हल कौन कर पायेगा
अब न रोको न रोको न रोको कदम
रुक गया तो ठिठक फिर ठहर जायेगा।

प्रेम की बात को मौन जज़्बात को बिन कहे बिन छुये वो समझ जायेगा।

छोड़ दे जिद न कर, कर समर्पण प्रथम
देख पत्थर की मूरत से स्वर आयेगा
खुद को मेटो समेटो तो पा लो खुदा
खुद से सारे सबालों का हल आयेगा।

प्रेम की बात को मौन जज़्बात को बिन कहे बिन छुये वो समझ जायेगा।

गम के सागर में गोते लगाले अगर
प्रेम ईश्वर इबादत समझ आयेगा
मोतियों को चुनो या चुनो सीप को
खारी खारी ये पानी बिखर जायेगा

प्रेम की बात को मौन जज़्बात को बिन कहे बिन छुये वो समझ जायेगा।

अनुराग दीक्षित

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 335 Views
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