नारायण अंशु कवि Tag: कविता 54 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid नारायण अंशु कवि 9 Oct 2021 · 1 min read *आत्मा की पुकार* हे मां शक्ति, कैसे करूं भक्ति। महंगाई की मार से, मेरी आत्मा दुखती।। करूं मेहनत, या जलाऊं ज्योति। भरण -पोषण कर, करूं तेरी आरती।। 9 दिन उपवास, करूं मेरे आवास।... Hindi · कविता 332 Share नारायण अंशु कवि 30 Sep 2021 · 1 min read **अभी भी है** जन्म के समय दाई आई, काम निकला फिर हृदय में छुआ-छूत समाई, इंसान से इंसानियत सीखो समय अभी भी है। दिन के कहे हटो अछूत नारी, रात के कहे सेज... Hindi · कविता 597 Share नारायण अंशु कवि 29 Sep 2021 · 1 min read **अभी भी है** दुखी तो बहुत है कविताएं मैंने, सुना है कई साहित्यकारों को, कलम रुकती नहीं, जज्बा अभी भी है। कट रही शाखाएं, मीठी तलवारों से, संविधान को बचा लो वक्त अभी... Hindi · कविता 283 Share नारायण अंशु कवि 28 Sep 2021 · 1 min read ***वक़्त**** *वक़्त को नजर, अंदाज कर। *ठोकरें खा रहा दर-दर, हिमायती नहीं अब कोई। *जो सही हुसूल बताएं, कर पे कर धरे, मैं आंसू बहा रहा। रूह रो रही, *वक़्त को... Hindi · कविता 2 452 Share नारायण अंशु कवि 27 Sep 2021 · 1 min read *बेटी* सूरज की लालिमा, मनमोहक होती है। चंदा की चांदनी, सुहावनी होती है। गुणवान बेटियां, पराया घर, अपना बना लेती है। सासू मां को भी, मां बना लेती है।। ************************* नारायण... Hindi · कविता 2 1 635 Share नारायण अंशु कवि 17 Nov 2019 · 1 min read *धन ही बलवान * धन होय, मानव फुदकता। धन् न होय, बिल्ली सा दुवकता, कम करें खर्चा, होवे चाहू और चर्चा, कंजूसी की मिले उपाधि। धन अभाव में जिंदगी, बिन पतवार नाव ।। बहती... Hindi · कविता 1 405 Share नारायण अंशु कवि 9 Nov 2019 · 1 min read कौमी एकता हर मानव को राम बना दो। हर मानव को रहीम बना दो। हर मन्दिर में कुरान पढा दो। हर मज़िद में दीप जला दो। ऐसा मेरा देश बना दो। हर... Hindi · कविता 3 340 Share नारायण अंशु कवि 27 Oct 2019 · 1 min read एक एक दीप घर परिवार , खुशियां अपार, दीपदान, करे द्वार द्वार, शुभकामनाएं स्वीकार। जीवन का अंधकार, मिटे क्षणभर , उजाला बा प्रकाश, जीवन में रहे भरपूर,। प्रदूषण का रखो ध्यान, जनसंख्या महान,... Hindi · कविता 2 456 Share नारायण अंशु कवि 16 Oct 2019 · 1 min read प्रहरी किसान खेत में किसान , सीमा पर जवान, देते देशभक्ति का पैगाम । पसी बहा फसल पकाता, खून बहा कर, रक्षा करता। रात अंधेरे सीमा की रक्षा रातों-रात अन्न उगाता, खून... Hindi · कविता 3 376 Share नारायण अंशु कवि 14 Oct 2019 · 1 min read बताओ वह कौन है? पसी बहाता, हल जोतता, बंजर धरा को, उपजाऊ बनाता। बताओ है कौन है? अंकुर फसलों को, सुत जैसा पालता , खून सींच कर फसल पकाता । बताओ वह कौन है... Hindi · कविता 1 265 Share नारायण अंशु कवि 13 Oct 2019 · 1 min read दृढ़ निश्चयी बनो ** खड़ा हिमालय पुकार रहा है , जीवन गाथा कह रहा है। मानव दृढ़ निश्चय बनो, धन नहीं तो क्या हुआ। पूरा विश्वास रखो मन में, असंभव कार्य को संभव बना... Hindi · कविता 1 232 Share नारायण अंशु कवि 12 Oct 2019 · 1 min read अजनबी हूं ** मैं धरा पर अजनबी हूं , तेरा गीत गुनगुनाता हूं । परदेस में तू जाकर बसी , दुनिया तेरे नाम हंसी । गढते रहूं तेरे नाम के गीत गुनगुनाता, बुनता... Hindi · कविता 1 516 Share नारायण अंशु कवि 10 Oct 2019 · 1 min read मैं गुनहगार मैं बन गया गुनहगार, तेरे साथ रहकर । बिन पानी के मछली तड़पे, मेरी जिंदगी हो गई तबाह। तान सुनाई दी एक मंजिल से , पर मंजिल में मुकाम नहीं।... Hindi · कविता 1 221 Share नारायण अंशु कवि 9 Oct 2019 · 1 min read अतिवृष्टि और दीपावली अतिवृष्टि और बाढ़ से सब तबाह हो गए। आंखों में से बहे आंसुओं मैं सभी सपने बह गए।। हजारों परिवार सड़क पर आ गए। किसान -मजदूर हंसी-खुशी जीवन जी रहे... Hindi · कविता 1 346 Share नारायण अंशु कवि 7 Oct 2019 · 1 min read व्यक्तित्व विकास मेरे अंतश मन में , अनायास हलचल हुई । कैसे हो व्यक्तित्व विकास, ऐसी पाठशाला की आस। कोई मार्गदर्शक होता आज, जो मन का खोलता राज। समतामूलक तत्वों का ,... Hindi · कविता 1 320 Share नारायण अंशु कवि 7 Oct 2019 · 1 min read प्लास्टिक मुक्त भारत बने हे भारत माता, वरदान तुझ से मांगता । मुक्त हो धरती माता प्लास्टिक से धरती माता। जन्म जन्म से , तुझ से नाता। तेरे श्राप से मुक्त नहीं हो पाता... Hindi · कविता 1 243 Share नारायण अंशु कवि 6 Oct 2019 · 1 min read दारू पीकर ,दारू से मुक्ति मागते** मान मर्यादा, भूल गए। दौड़ा रहे घोड़े मन के। दारू पीकर घर से, कारजो में जा रहे । नहीं छोड़ते देव स्थलों को , पीकर रहते सदाबहार। मन्नतें मांगते दारू... Hindi · कविता 1 297 Share नारायण अंशु कवि 4 Oct 2019 · 1 min read मेरा देश ऐसा हो मेरे देश में सत्य, अहिंसा का बोलबाला हो। समरसता की सरिता प्रवाहित हो। ना मुस्लिम हो ना हिंदू हो। अनेकता में एकता का सिंधु हो। सद्भाव, समभाव का सिंधु हो।... Hindi · कविता 1 228 Share नारायण अंशु कवि 1 Oct 2019 · 1 min read गांधी तेरे देश में गांधी तेरे देश में, बोलते मीठी बोलियां। निर्धनों के खून से, खेलते खूनी होलियां । सत्य अहिंसा के पुजारी, झेलते सीने पर गोलियां। गांधी तेरे देश,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, हंसते-हंसते झूल गए, जान... Hindi · कविता 288 Share नारायण अंशु कवि 29 Sep 2019 · 1 min read धर्म के ठेकेदार झूठे हैं तेरे मठ_मंदिर, तभी तो तू जाने नहीं देता अन्दर । समदर्शी की आड़ में चढ़वाते, दसी,पंजी, और छिदाम , और हलूआ , पूड़ी,बदाम। घट कर जाते भालू, बंदर।... Hindi · कविता 4 565 Share नारायण अंशु कवि 27 Sep 2019 · 1 min read *चेतन ज्वाला* कब तक देखते रहेंगे सूरत कब तक गढ़ते रहेंगे मूरत । अब उठा लो कलम दवात, लिख डालो हिरदयकी बात । अंशु नहीं सहेगा जुल्मियों का जुल्म, अपने ही घर... Hindi · कविता 224 Share नारायण अंशु कवि 26 Sep 2019 · 1 min read भारतीय विद्यार्थी कौन कहता है, हमारे विद्यार्थी, आलसी ,निकम्मे है। नहीं मानो तो, उदाहरणों से पता चल जाएगा। वे समय का मूल पहचानते हैं, देख लीजिए बसों की सीट पर, रेलगाड़ियों की... Hindi · कविता 340 Share नारायण अंशु कवि 26 Sep 2019 · 1 min read निरक्षरता का दर्द कैसे मनाऊं त्यौहार, कैसे लिबाऊ कलम दवात। कमरतोड़ महंगाई में, कैसे खिलाऊ दाल भात। फूटी मेरी किस्मत, नहीं पढ़ पाईं बहुत। अब पीट रही हूं मेरी किस्मत, पढ़ लिख जाती,... Hindi · कविता 287 Share नारायण अंशु कवि 25 Sep 2019 · 1 min read खामोश बस्ती खामोश बस्ती में, बनी कब्र से आवाज आई, आसपास बनी झुग्गी झोपड़ी थराई। मुझे अनायास लाया कौन? मेरे दर्द को जाने कौन? फरिश्ते बोले, अरे कमबख्त! जिसके लिए खुद भूखा... Hindi · कविता 4 2 346 Share नारायण अंशु कवि 24 Sep 2019 · 1 min read ममता की पुकार,,,,,,, बेटा दर्शन बतादो, तेरी मां पुकार रही है। सूनी गोद पड़ी कब से, तेरी मां तडप रही है। खाना , धेला ना लाना, तेरी मां कह रही है। नाती नातिन... Hindi · कविता 1 481 Share नारायण अंशु कवि 24 Sep 2019 · 1 min read ममता की पुकार,,,,,,, बेटा दर्शन बतादो, तेरी मां पुकार रही है। सूनी गोद पड़ी कब से, तेरी मां तडप रही है। खाना , धेला ना लाना, तेरी मां कह रही है। नाती नातिन... Hindi · कविता 1 220 Share नारायण अंशु कवि 23 Sep 2019 · 1 min read ॐ् श्राद्ध ॐ पन्द्रह दिनों की श्राद्ध, आपको दिलादू याद। जिन्दों को नीर नहीं, पूरखो को खीर। पखवाड़े भर खाते पुड़ी खीरे, कैसे रखूं मन में धीर । वृद्ध अवस्था मैं ना करते... Hindi · कविता 3 1 243 Share नारायण अंशु कवि 22 Sep 2019 · 1 min read पेड़ हमारे जीवन साथी* पेड़ हमारे जीवन साथी, भक्षण करते कार्बन डाइऑक्साइड गैस हमारी। पेड़ हमारी सांसे है, प्रदूषित हमारा जीवन है। फल फूल और ईंधन देते, बदले में प्रदूषण लेते। जड़ से पत्ता... Hindi · कविता 2 461 Share नारायण अंशु कवि 22 Sep 2019 · 1 min read ठेठ दिहाती,,,,,, मैं गरीबी में जन्मा हूं, गोदड़ी में पला हूं, देहात में पढ़ा हूं, फिर आगे बढ़ा हूं। माता-पिता का आशीष लेकर, शिक्षा का गहना पहनकर, अब दुनिया की दौड़ में... Hindi · कविता 3 1 224 Share नारायण अंशु कवि 20 Sep 2019 · 1 min read भाई बड़ा महान मेरा भाई बड़ा महान, हर समस्या का करता निदान। सुख दुख में रहता है दिन, हर समस्या का सूत्र विधान। विपत्तियों में रहता साथ, कंधा से कंधा मिला कर देता... Hindi · कविता 1 225 Share नारायण अंशु कवि 20 Sep 2019 · 1 min read मेरी मां बड़ी अच्छी मेरी मां, हमको लाड प्यार से रखती मां। खुद गीले में सोती मां, हमको सूखे मैं सुलाती मां। खुद भूखा रहकर मां, हमको भोजन कराती मां साफ कपड़े... Hindi · कविता 1 640 Share नारायण अंशु कवि 19 Sep 2019 · 1 min read गधों की दौड़,,,,,,,,,, वैशाख हो या सावन, भिखारी हो या बामन, निर्धन हो या धनवान, औरत हो या इंसान। सब लगा रहे दौड़।। अपनी अपनी ढपली बजाने की होड़, स्वार्थ सिद्धि की जोड़-तोड़,... Hindi · कविता 1 299 Share नारायण अंशु कवि 19 Sep 2019 · 1 min read रूह को खूब सताया अपनों से दुश्मनी, परायो से प्यार। कर लिया था तोबा, नहीं मालूम मुझे, कब से हुआ प्यार। तेरे इश्क में पागल हुआ, घर द्वार छोड़ कंगाल हुआ। जब तक थी... Hindi · कविता 1 198 Share नारायण अंशु कवि 17 Sep 2019 · 1 min read भूमि का संरक्षण धरा पर वृक्षारोपण, दिया संकेत वृक्षारोपण। वन्य प्राणी का करो संरक्षण, होगा हमारा स्वच्छ पर्यावरण। मानव दिन दूर नहीं, जब होगी महामारी, रुक जावेगी सांस हमारी। एक वृक्ष लगाओ मानव,... Hindi · कविता 2 1k Share नारायण अंशु कवि 17 Sep 2019 · 1 min read आजादी का भरते दम*** मोहन ने कहा आजाद, चौहान ने कर लिया विवाद। कौन कहता है कि हम आजाद हुए, हर दिन छुआछूत का शिकार हुए। आराध्य स्थल मेंरोज विवाद हुए, समानता से रोज... Hindi · कविता 1 244 Share नारायण अंशु कवि 16 Sep 2019 · 1 min read **सुर-ताल** जनमानस में वीणा का सुर ताल हो, हर बच्चे को पढ़ने का अधिकार हो। मानव -मानव में एकता का संगीत हो, हर मानव में एकता की सुभाष हो। घर घर... Hindi · कविता 1 453 Share नारायण अंशु कवि 16 Sep 2019 · 1 min read समय अमूल्य*** जाग मानव, आज की मांग। दुख दर्द मिटे आज की मांग। जागृत चेतना, दुखित वेदना। त्याग ,छल, कपट, पहन सत्य का चोला। कर भला ,हो भला, जीवन जीने की कला।... Hindi · कविता 204 Share नारायण अंशु कवि 15 Sep 2019 · 1 min read है किसी में हिम्मत शिखर पर चढ़ना, पहाड़ से लड़ना, कुरुतियों से निपटना, पाखंडवाद को उखाड़ना, है किसी में हिम्मत। आतंकवादी शक्ति पर लगाम लगाना, राष्ट्र हित की बात करना, सम्यक दृष्टि देखना, जख्मों... Hindi · कविता 483 Share नारायण अंशु कवि 15 Sep 2019 · 1 min read मूंछ परम मित्र कवि ने, मुझसे लिया पूछ, पहले सफाचट, अब मूछ। क्या हो गई भूल, क्या है राज? नकली फराटे दार मूंछ,। मैं ठिठक गया, झट जवाब दिया, माया के... Hindi · कविता 1 1 498 Share नारायण अंशु कवि 15 Sep 2019 · 1 min read जिंदगी की व्यथा जिंदगी मेरी नहीं तेरी, फिर कैसी हेरा फेरी। कर्म ऐसा करो, तीनो लोक में सुभाष फेले। मरघट के पहले बाद, चर्चा हो तेरी। गगन में तेरी जय जयकार, कर्मों का... Hindi · कविता 505 Share नारायण अंशु कवि 14 Sep 2019 · 1 min read बेटी का लड़कपन मैया मत करना मेरा विवाह, मैं अभी नादान हूं। खूब पढूगी_खूब लिखूंगी, पढ़कर ज्ञानवान बनूंगी। बालापन तेरी गोद में बिताया, पिताजी को खूब नचाया, भाई संग लड़कपन पाया, सारेकुल से... Hindi · कविता 575 Share नारायण अंशु कवि 14 Sep 2019 · 1 min read हिंदी दिवस हिंदी दिवस पर, अंग्रेजी में कॉम। आयोजन में बोलते, अंग्रेजी में नाम। मंच के बैनर में, लिखा वेलकम। अतिथि देते भाषण, अंग्रेजी में ज्यादा, हिंदी में कम। माय डियर लेडीस... Hindi · कविता 451 Share नारायण अंशु कवि 14 Sep 2019 · 1 min read अछूत रुपया रुपया बहरूपिया होत, एक से दूध हाथ जावद। गणना पर हर कोई थूक जगावत, जात पात नहीं देखत। रुपया मदारी होवत, रुपया के बल पर हर कोई,। हर इंसान को... Hindi · कविता 241 Share नारायण अंशु कवि 14 Sep 2019 · 1 min read स्वर्ग धाम* एक इंसान, मरने के बाद ऊपर गया। यमराज ने , सजा देने की कहीं। पहले उसे, ठंडे मकान में रखा गया। जहां चार सेल्सियस तापमान था, फिर भी वह आदमी,... Hindi · कविता 517 Share नारायण अंशु कवि 13 Sep 2019 · 1 min read महंगाई पवन वेग सीआई, सुरसा सम बदन बढ़ाई। शहर गांव पर छाई, कमरतोड़ महंगाई।। आवश्यकता इस की जननी, दिन दुगनी बड़े चौगुनी। निर्धन वर्ग से आवाज आई हाय कमरतोड़ महंगाई। धन... Hindi · कविता 1 442 Share नारायण अंशु कवि 13 Sep 2019 · 1 min read दहेज आज की ज्वलंत समस्या दहेज। काहू को नहीं परहेज। चाहे कन्या हो शिक्षित सुशील और सुंदर। चा हे वर महोदय हो ऊंट भालू और बंदर। फिर भी इनको चाहिए दहेज।... Hindi · कविता 1 346 Share नारायण अंशु कवि 13 Sep 2019 · 1 min read हकीकत दिन के कहे हटो अछूत नारी, रात के कहे सेज सजाओ हमारी। भोर होत कहे ,सॉरी, क्या यही है मानवता हमारी। शोषण करता तुम क्या जानो, क्या है स्वाद गरीबी... Hindi · कविता 1 201 Share नारायण अंशु कवि 13 Sep 2019 · 1 min read "कौमी एकता......… हर मानव को राम बना दो । हर मानव को रहीम बना दो । ऐसा मेरा देश बना दो । हर मंदिर में कुरान पढ़ा दो । हर मस्जिद में... Hindi · कविता 1 227 Share नारायण अंशु कवि 13 Sep 2019 · 1 min read दिवस आजादी का दिवस आया, शहर, गाव में खुशियां छाई। आसमा, जमी में शहीदों की, जीवन, संघरस की गाथा सुनाई। शीश कलम किया देश पर वीर्य गाथा पर जन जन का... Hindi · कविता 2 375 Share नारायण अंशु कवि 13 Sep 2019 · 1 min read कुरीतियां ,,,,, ** कमर तोड महंगाई में, कैसे मनाएं त्यौहार।। दीपक तले अंधेरा, जनता। में हाहाकार। अंध विश्वास,कुरूतियो में, लिपटे हैं हम। आंखें होने के बाद भी, बन बैठे हैं धृतराष्ट्र... Hindi · कविता 1 231 Share Page 1 Next