Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Oct 2019 · 1 min read

अतिवृष्टि और दीपावली

अतिवृष्टि और बाढ़ से सब तबाह हो गए।
आंखों में से बहे आंसुओं मैं सभी सपने बह गए।।
हजारों परिवार सड़क पर आ गए।
किसान -मजदूर हंसी-खुशी जीवन जी रहे थे।।
फसल पक चुकी थी।
इनकी आमदनी से किसी के बेटे की फीस भरनी थी।
किसी बच्चों की शादी करनी थी।
आंखों में कई सपने थे।।
इस बारिश ने दिवाली के दीये,
जलने से पहले ही बुझा दिये।
त्यौहार का उल्लास बाढ़ में बह गया।
चेहरे का नूर भी छिन गया।
कमरतोड़ महंगाई में कैसे दिवाली मनाए।
,”””””””””””””””अंशु कवि”””””””””””””””””””””””

Language: Hindi
1 Like · 299 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
किसी पत्थर की मूरत से आप प्यार करें, यह वाजिब है, मगर, किसी
किसी पत्थर की मूरत से आप प्यार करें, यह वाजिब है, मगर, किसी
Dr MusafiR BaithA
प्रश्न - दीपक नीलपदम्
प्रश्न - दीपक नीलपदम्
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
सीमजी प्रोडक्शंस की फिल्म ‘राजा सलहेस’ मैथिली सिनेमा की दूसरी सबसे सफल फिल्मों में से एक मानी जा रही है.
सीमजी प्रोडक्शंस की फिल्म ‘राजा सलहेस’ मैथिली सिनेमा की दूसरी सबसे सफल फिल्मों में से एक मानी जा रही है.
श्रीहर्ष आचार्य
तन्हाई बिछा के शबिस्तान में
तन्हाई बिछा के शबिस्तान में
सिद्धार्थ गोरखपुरी
*वकीलों की वकीलगिरी*
*वकीलों की वकीलगिरी*
Dushyant Kumar
#दोहा
#दोहा
*Author प्रणय प्रभात*
कल देखते ही फेरकर नजरें निकल गए।
कल देखते ही फेरकर नजरें निकल गए।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
आकाश के सितारों के साथ हैं
आकाश के सितारों के साथ हैं
Neeraj Agarwal
इश्क जितना गहरा है, उसका रंग उतना ही फीका है
इश्क जितना गहरा है, उसका रंग उतना ही फीका है
पूर्वार्थ
बेशर्मी से ... (क्षणिका )
बेशर्मी से ... (क्षणिका )
sushil sarna
आज़ाद जयंती
आज़ाद जयंती
Satish Srijan
'शत्रुता' स्वतः खत्म होने की फितरत रखती है अगर उसे पाला ना ज
'शत्रुता' स्वतः खत्म होने की फितरत रखती है अगर उसे पाला ना ज
satish rathore
माँ की छाया
माँ की छाया
Arti Bhadauria
इक दूजे पर सब कुछ वारा हम भी पागल तुम भी पागल।
इक दूजे पर सब कुछ वारा हम भी पागल तुम भी पागल।
सत्य कुमार प्रेमी
*वो नीला सितारा* ( 14 of 25 )
*वो नीला सितारा* ( 14 of 25 )
Kshma Urmila
कहो जय भीम
कहो जय भीम
Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661
श्री विध्नेश्वर
श्री विध्नेश्वर
Shashi kala vyas
भले कठिन है ज़िन्दगी, जीना खुलके यार
भले कठिन है ज़िन्दगी, जीना खुलके यार
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
सर सरिता सागर
सर सरिता सागर
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
रिश्ते
रिश्ते
Dr fauzia Naseem shad
वो काजल से धार लगाती है अपने नैनों की कटारों को ,,
वो काजल से धार लगाती है अपने नैनों की कटारों को ,,
Vishal babu (vishu)
अब रिश्तों का व्यापार यहां बखूबी चलता है
अब रिश्तों का व्यापार यहां बखूबी चलता है
Pramila sultan
2317.पूर्णिका
2317.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
*तेरा साथ (13-7-1983)*
*तेरा साथ (13-7-1983)*
Ravi Prakash
आगाज़-ए-नववर्ष
आगाज़-ए-नववर्ष
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
दो शब्द ढूँढ रहा था शायरी के लिए,
दो शब्द ढूँढ रहा था शायरी के लिए,
Shashi Dhar Kumar
शायरी
शायरी
goutam shaw
"अकेलापन"
Pushpraj Anant
Loading...