Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Sep 2019 · 1 min read

**सुर-ताल**

जनमानस में वीणा का सुर ताल हो,
हर बच्चे को पढ़ने का अधिकार हो।
मानव -मानव में एकता का संगीत हो,
हर मानव में एकता की सुभाष हो।
घर घर में अन्नपूर्णा का भंडार हो,
जनमानस में एकता का अधिकार हो।
ऐसा अंबेडकर का विधान ,
बनेगा मेरा देश महान।
नारायण अहिरवार
अंशु कवि
सेमरी हरचंद होशंगाबाद
मध्य प्रदेश

Language: Hindi
1 Like · 430 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
हीरक जयंती 
हीरक जयंती 
Punam Pande
तेरी मेरी तस्वीर
तेरी मेरी तस्वीर
Neeraj Agarwal
तुम हकीकत में वहीं हो जैसी तुम्हारी सोच है।
तुम हकीकत में वहीं हो जैसी तुम्हारी सोच है।
Rj Anand Prajapati
यह गलतफहमी कभी नहीं पालता कि,
यह गलतफहमी कभी नहीं पालता कि,
Jogendar singh
जहाँ तक राजनीति विचारधारा का संबंध है यदि वो सटीक ,तर्कसंगत
जहाँ तक राजनीति विचारधारा का संबंध है यदि वो सटीक ,तर्कसंगत
DrLakshman Jha Parimal
जब तक हो तन में प्राण
जब तक हो तन में प्राण
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
वो ख्वाबों में अब भी चमन ढूंढते हैं ।
वो ख्वाबों में अब भी चमन ढूंढते हैं ।
Phool gufran
राम की धुन
राम की धुन
Ghanshyam Poddar
* भीतर से रंगीन, शिष्टता ऊपर से पर लादी【हिंदी गजल/ गीति
* भीतर से रंगीन, शिष्टता ऊपर से पर लादी【हिंदी गजल/ गीति
Ravi Prakash
अंबर तारों से भरा, फिर भी काली रात।
अंबर तारों से भरा, फिर भी काली रात।
लक्ष्मी सिंह
दवा की तलाश में रहा दुआ को छोड़कर,
दवा की तलाश में रहा दुआ को छोड़कर,
Vishal babu (vishu)
दोहे-
दोहे-
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
शमशान और मैं l
शमशान और मैं l
सेजल गोस्वामी
'बेटी की विदाई'
'बेटी की विदाई'
पंकज कुमार कर्ण
ऐ ज़ालिम....!
ऐ ज़ालिम....!
Srishty Bansal
*कुंडलिया छंद*
*कुंडलिया छंद*
आर.एस. 'प्रीतम'
"वक्त वक्त की बात"
Dr. Kishan tandon kranti
षड्यंत्रों की कमी नहीं है
षड्यंत्रों की कमी नहीं है
Suryakant Dwivedi
हर सांस की गिनती तय है - रूख़सती का भी दिन पहले से है मुक़र्रर
हर सांस की गिनती तय है - रूख़सती का भी दिन पहले से है मुक़र्रर
Atul "Krishn"
तुम नादानं थे वक्त की,
तुम नादानं थे वक्त की,
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
उसे भुलाने के सभी,
उसे भुलाने के सभी,
sushil sarna
ये जुल्म नहीं तू सहनकर
ये जुल्म नहीं तू सहनकर
gurudeenverma198
मैं गहरा दर्द हूँ
मैं गहरा दर्द हूँ
'अशांत' शेखर
यादों का झरोखा
यादों का झरोखा
Madhavi Srivastava
रावण
रावण
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
🌸*पगडंडी *🌸
🌸*पगडंडी *🌸
Mahima shukla
बाकी सब कुछ चंगा बा
बाकी सब कुछ चंगा बा
Shekhar Chandra Mitra
मै अपवाद कवि अभी जीवित हूं
मै अपवाद कवि अभी जीवित हूं
प्रेमदास वसु सुरेखा
चमचम चमके चाँदनी, खिली सँवर कर रात।
चमचम चमके चाँदनी, खिली सँवर कर रात।
डॉ.सीमा अग्रवाल
शिक्षक हूँ  शिक्षक ही रहूँगा
शिक्षक हूँ शिक्षक ही रहूँगा
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
Loading...