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1 Sep 2018 · 1 min read

दोहे–देशभक्ति

1 भारत माँ की है धरा सदा मोक्ष का द्वार,
जन्म लिया जिसने यहाँ भवसागर वो पार।

2 सकल विश्व माँ भारती ऊँचा तेरा नाम,
दिल से मैं हूँ कर रहा बार बार प्रणाम।

3 माता दो को मानता इक माँ एक भारत,
वंदन मैं करता रहूँ मुझको मिले राहत।

4 सबसे पहले देश है दूसर नहीं कोई,
सौ फीसद सच बात है जानिए सब कोई।

5 भारतमाता को नमन करता बारम्बार,
ऋणी हूँ समझ मैं रहा बलि जाऊं सौ बार।

6 जिसमें खेल बडा हुआ बना ये सुंदर तन,
नमन मिट्टी को मैं करूँ वही भारत का धन।

7 बचपन से ये चाह है मातृभूमि वंदन,
सदा फल फूलता रहे पावन यही उपवन।

अशोक छाबङा
28042018

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 672 Views
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