मुक्तक
ढूँढ़ सको तो घोटालों में,खोया देश मुकद्दर ढूँढ़ो
रिश्वत बिना जहाँ चलती हो,फ़ाइल ऐसा दफ़्तर ढूँढ़ो
विषधर से पहले नेता के, हर काटे का मन्तर ढूँढ़ो
जिसकी छाया बैठ ग़रीबी, भूल सकें वह छप्पर ढूँढ़ो।
ढूँढ़ सको तो घोटालों में,खोया देश मुकद्दर ढूँढ़ो
रिश्वत बिना जहाँ चलती हो,फ़ाइल ऐसा दफ़्तर ढूँढ़ो
विषधर से पहले नेता के, हर काटे का मन्तर ढूँढ़ो
जिसकी छाया बैठ ग़रीबी, भूल सकें वह छप्पर ढूँढ़ो।