मुक्तक
ठंडी ठंडी फुहार चेहरे पर,आ गयी है बहार चेहरे पर,
एक संदेह सर उठता है , रंग आये हजार चेहरे पर,
झुर्रिया चादर है फूलो की ,बन गयी एक मजार चेहरे पर,
आज लिख ही डालेंगे, अपने सारे विचार चेहरे पर ।
ठंडी ठंडी फुहार चेहरे पर,आ गयी है बहार चेहरे पर,
एक संदेह सर उठता है , रंग आये हजार चेहरे पर,
झुर्रिया चादर है फूलो की ,बन गयी एक मजार चेहरे पर,
आज लिख ही डालेंगे, अपने सारे विचार चेहरे पर ।