Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Nov 2024 · 1 min read

*मनः संवाद—-*

मनः संवाद—-
29/11/2024

मन दण्डक — नव प्रस्तारित मात्रिक (38 मात्रा)
यति– (14,13,11) पदांत– Sl

संबंधों को जो जी लें, एक यज्ञ पूरा किया, समय रहा जीवंत।
आदर्शों को रखता है, मिलता है अमरत्व पद, कभी न होता अंत।।
सृजनहार खुश होते हैं, मर्यादा पालन किया, कहलाते प्रिय संत।
कहानियां बन जाते वो, चंदा सूरज की तरह, यशस्वान श्रीमंत।।

जिनकी पढ़ते कहानियां, उसने जो कुछ है सहा, वह प्रेरक बोधव्य।
सभी समस्याओं का हल, निश्चित होता उस समय, करना है ज्ञातव्य।।
अनुकरणात्मक पथ कर लो, मन से व्रत पालन करो, कुछ भी नहीं अश्रव्य।
यहाँ यही जीवनशैली, जो अपनाया जब कभी, वही हुआ दृष्टव्य।।

— डॉ. रामनाथ साहू “ननकी”
संस्थापक, छंदाचार्य, (बिलासा छंद महालय, छत्तीसगढ़)
━━✧❂✧━━✧❂✧━━✧❂✧━━

38 Views

You may also like these posts

दहेज एक समस्या– गीत।
दहेज एक समस्या– गीत।
Abhishek Soni
परिवर्तन
परिवर्तन
Shally Vij
तेरी याद
तेरी याद
Shyam Sundar Subramanian
मज़दूर
मज़दूर
कुमार अविनाश 'केसर'
श्री राम के आदर्श
श्री राम के आदर्श
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
लाज शर्म की फाड़ दी,तुमने स्वयं कमीज
लाज शर्म की फाड़ दी,तुमने स्वयं कमीज
RAMESH SHARMA
सोचा एक अफ़साना लिख दूँ,
सोचा एक अफ़साना लिख दूँ,
Nitesh Shah
*नौकरपेशा लोग रिटायर, होकर मस्ती करते हैं (हिंदी गजल)*
*नौकरपेशा लोग रिटायर, होकर मस्ती करते हैं (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
” शायद तु बेटी है ! “
” शायद तु बेटी है ! “
ज्योति
कसौटी है प्यार की...
कसौटी है प्यार की...
Manisha Wandhare
कर क्षमा सब भूल मैं छूता चरण
कर क्षमा सब भूल मैं छूता चरण
Basant Bhagawan Roy
जिंदगी
जिंदगी
ओनिका सेतिया 'अनु '
माशा अल्लाह, तुम बहुत लाजवाब हो
माशा अल्लाह, तुम बहुत लाजवाब हो
gurudeenverma198
#हौसले#
#हौसले#
Madhavi Srivastava
"वो आईना"
Dr. Kishan tandon kranti
स्मृति-बिम्ब उभरे नयन में....
स्मृति-बिम्ब उभरे नयन में....
डॉ.सीमा अग्रवाल
एक पौधा बिटिया के नाम
एक पौधा बिटिया के नाम
Dr Archana Gupta
"अगली राखी आऊंगा"
Lohit Tamta
चोट
चोट
आकांक्षा राय
संविधान
संविधान
लक्ष्मी सिंह
पीड़ादायक होता है
पीड़ादायक होता है
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
जज़्बातों का खेल
जज़्बातों का खेल
ललकार भारद्वाज
*और ऊपर उठती गयी.......मेरी माँ*
*और ऊपर उठती गयी.......मेरी माँ*
Poonam Matia
जिंदगी बोझ लगेगी फिर भी उठाएंगे
जिंदगी बोझ लगेगी फिर भी उठाएंगे
पूर्वार्थ
मां
मां
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
अफ़सोस इतना गहरा नहीं
अफ़सोस इतना गहरा नहीं
हिमांशु Kulshrestha
उस मुहल्ले में फिर इक रोज़ बारिश आई,
उस मुहल्ले में फिर इक रोज़ बारिश आई,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
फिकर
फिकर
Dipak Kumar "Girja"
निर्वात का साथी🙏
निर्वात का साथी🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
व्यक्ति को ख्वाब भी वैसे ही आते है जैसे उनके ख्यालात होते है
व्यक्ति को ख्वाब भी वैसे ही आते है जैसे उनके ख्यालात होते है
Rj Anand Prajapati
Loading...