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19 Jul 2018 · 1 min read

“दीवारों के कान “

करते हो निंदा अगर,रहे हमेशा ध्यान !
होते हैं तुम मान लो,.दीवारों के कान !!

नही समझना भूलकर,कभी इन्हें बेजान !
होते हैं सचमुच बडें, ….दीवारों के कान !!

सोलह आने सत्य है,बात समझ नादान !
रहते हैं ओझल सदा,…दीवारों के कान !!

मुझको यही मुहावरा ,कर देता हैरान !
सुन लेते हैं बात सब, दीवारों के कान ! !
रमेश शर्मा.

Language: Hindi
2 Likes · 583 Views
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