Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Jun 2023 · 1 min read

//•••कुछ दिन और•••//

खड़ी दुपहरी की तपिस में
छांव की खोज में रहिएगा
जिस गांव में बचपन गुजरा है
उस गांव की ख़ोज में रहिएगा

तुझमें बसती दुनियां जिसकी
सम्हाल के रक्खा आंचल में
जिस माँ ने तुझको जन्म दिया
उस माँ की ख़ोज में रहिएगा

भौतिक सुविधा के चक्कर में
दिनभर बौराया रहता है
जो पल दे सके सकूं तुझको
उस पल की ख़ोज में रहिएगा

बढ़ चली है,मन की अकुलाहट
क्या बचा है,अब क्या कहिएगा
जिस विधि इस समय को काट सके
उस विधि के ख़ोज में रहिएगा

कोरोना के क़हर से सहमी दुनिया
घर में ही चैन से रहिएगा
कुछ दिन और कष्ट के सह लीजिए
“चुन्नु” ताउम्र मौज़ में रहिएगा

//•••• कलमकार ••••//
चुन्नू लाल गुप्ता-मऊ (उ.प्र.)

1 Like · 2 Comments · 576 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Chunnu Lal Gupta
View all

You may also like these posts

$ग़ज़ल
$ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
पिता और प्रकृति
पिता और प्रकृति
Kirtika Namdev
"आहट "
Dr. Kishan tandon kranti
अपनी पहचान
अपनी पहचान
Dr fauzia Naseem shad
अकेला तू शून्य
अकेला तू शून्य
Mandar Gangal
आज पुराने ख़त का, संदूक में द़ीद़ार होता है,
आज पुराने ख़त का, संदूक में द़ीद़ार होता है,
SPK Sachin Lodhi
करो सम्मान पत्नी का खफा संसार हो जाए
करो सम्मान पत्नी का खफा संसार हो जाए
VINOD CHAUHAN
खुद में भी एटीट्यूड होना जरूरी है साथियों
खुद में भी एटीट्यूड होना जरूरी है साथियों
शेखर सिंह
वर्ण पिरामिड
वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
अयोध्या धाम पावन प्रिय, जगत में श्रेष्ठ न्यारा है (हिंदी गजल
अयोध्या धाम पावन प्रिय, जगत में श्रेष्ठ न्यारा है (हिंदी गजल
Ravi Prakash
हमसे नजरें चुराओगे कब तक
हमसे नजरें चुराओगे कब तक
Jyoti Roshni
तुम में और मुझ में कौन है बेहतर?
तुम में और मुझ में कौन है बेहतर?
Bindesh kumar jha
परीक्षा का सफर
परीक्षा का सफर
पूर्वार्थ
अधूरेपन का मसला
अधूरेपन का मसला
NAVNEET SINGH
नवजीवन
नवजीवन
Deepesh Dwivedi
महिला दिवस विशेष कविता। खोखली मत कर जय जयकार।। रचनाकार :अरविंद भारद्वाज
महिला दिवस विशेष कविता। खोखली मत कर जय जयकार।। रचनाकार :अरविंद भारद्वाज
अरविंद भारद्वाज ARVIND BHARDWAJ
ये अश्क भी बे मौसम बरसात हो गए हैं
ये अश्क भी बे मौसम बरसात हो गए हैं
Gouri tiwari
सिंदूर..
सिंदूर..
Ranjeet kumar patre
कभी भी भावना में बहकर अपनी निजी बातें और कमजोरी किसी के समक्
कभी भी भावना में बहकर अपनी निजी बातें और कमजोरी किसी के समक्
Paras Nath Jha
मुझे हर वो बच्चा अच्छा लगता है जो अपनी मां की फ़िक्र करता है
मुझे हर वो बच्चा अच्छा लगता है जो अपनी मां की फ़िक्र करता है
Mamta Singh Devaa
तमन्ना है तू।
तमन्ना है तू।
Taj Mohammad
ये दुनिया भी हमें क्या ख़ूब जानती है,
ये दुनिया भी हमें क्या ख़ूब जानती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
अभी तक
अभी तक
Jitendra kumar
सर्दी में कोहरा गिरता है बरसात में पानी।
सर्दी में कोहरा गिरता है बरसात में पानी।
इशरत हिदायत ख़ान
मेरी नाव
मेरी नाव
Juhi Grover
संविधान दिवस
संविधान दिवस
जय लगन कुमार हैप्पी
"" *अक्षय तृतीया* ""
सुनीलानंद महंत
3511.🌷 *पूर्णिका* 🌷
3511.🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
अक्का देवी
अक्का देवी
Dr.Pratibha Prakash
मनमानी करते नेता
मनमानी करते नेता
Chitra Bisht
Loading...