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12 Nov 2017 · 1 min read

=== हाय रे उलटी गिनती ===

हाय रे उलटी गिनती
// दिनेश एल० “जैहिंद”

पाँच वर्षीय छात्र से मैडम ने,,
वर्ग में उलटी गिनती गिनवाई ।।
वह भी सौ से शून्य तक नहीं,,
बीस से नीचे जीरो तक पढ़वाई ।।

बच्चा चौदह तक सही पढ़ पाया,,
तेरह पे जाकर वह तो अँटकाया ।।
बेचारे की जीभ क्या लटपटाई,,
बारह-ग्यारह जुबां में फँस आया ।।

न आता देख अब तो वह चकराया,,
शेष बच्चों को तब बड़ा मजा आया ।।
मैडम को फिर तो चढ़ आया गुस्सा,,
बारह ऊठक-बैठक का दंड सुनाया ।।

छात्र था कोमल, नादां, भोला-भाला,,
बैठक एक-दो-तीन की जो उसने लगाई ।।
चार-पाँच-छ: तक जाते-जाते ही रुका,,
सात-आठ तक जाते शामत उसकी आई ।।

जैसे पहुंचा नौ-दस की तरफ वह बेचारा,,
उसकी दोनों टाँगें तब जोरों से थरथराई ।।
सुंदर मैडम जी थोड़ी बहुत थीं कड़कदार,,
निष्ठुरता से और चार छड़ी उसको लगाई ।।

दो दिनों में कह उलटी गिनती रटने को,,
सीट पर बैठने को फिर वह उसे पठाई ।।
सुनो-सुनो रे भाई – सुनो-सुनो रे भाई,,
वाह रे पढ़ाई-हाय रे पढ़ाई-यही है पढ़ाई ।।

==============
दिनेश एल० “जैहिंद”
15. 07. 2017

Language: Hindi
581 Views

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