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19 Oct 2017 · 1 min read

आओ दीप जलायें

आओ दीप जलायें।
आओ दीप जलाये।।
ऋषि मुनियों की तपो भूमि में,
संस्कारो के बीज उगाये।।
आओ दीप जलाये—
आओ दीप जलाये—
हरी धरती, हरे वन है,
संसाधन में नहीं कम है।
आओ आयुर्वेद बचाये ,
एक दीप धन्वन्तरी को लगाये।।
आओ दीप जलाये—
आओ दीप जलाये—
अपनी कला, अपना श्रम है,
पूजा करते अपने हस्त है।
स्वदेशी आजीविका को बचाये,
एक दीप श्री लक्ष्मी को लगाये।।
आओ दीप जलाये—
आओ दीप जलाये—
अपनी कृषि, अपना पशु धन,
क्यों करते हे, इनका अपरदन।
जल को, हल को अब तो बचाये,
एक दीप गोवर्धन को लगाये।।
आओ दीप जलाये—
आओ दीप जलाये—
शुभ दीपावली
(कवि- डॉ शिव ‘लहरी’)

Language: Hindi
5 Likes · 3 Comments · 779 Views
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