Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Oct 2017 · 1 min read

आओ दीप जलायें

आओ दीप जलायें।
आओ दीप जलाये।।
ऋषि मुनियों की तपो भूमि में,
संस्कारो के बीज उगाये।।
आओ दीप जलाये—
आओ दीप जलाये—
हरी धरती, हरे वन है,
संसाधन में नहीं कम है।
आओ आयुर्वेद बचाये ,
एक दीप धन्वन्तरी को लगाये।।
आओ दीप जलाये—
आओ दीप जलाये—
अपनी कला, अपना श्रम है,
पूजा करते अपने हस्त है।
स्वदेशी आजीविका को बचाये,
एक दीप श्री लक्ष्मी को लगाये।।
आओ दीप जलाये—
आओ दीप जलाये—
अपनी कृषि, अपना पशु धन,
क्यों करते हे, इनका अपरदन।
जल को, हल को अब तो बचाये,
एक दीप गोवर्धन को लगाये।।
आओ दीप जलाये—
आओ दीप जलाये—
शुभ दीपावली
(कवि- डॉ शिव ‘लहरी’)

Language: Hindi
5 Likes · 3 Comments · 858 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from डॉ. शिव लहरी
View all

You may also like these posts

55…Munsarah musaddas matvii maksuuf
55…Munsarah musaddas matvii maksuuf
sushil yadav
हम दो किनारे हो गए .......
हम दो किनारे हो गए .......
sushil sarna
"जीवन का प्रमेय"
Dr. Kishan tandon kranti
Why always me!
Why always me!
Bidyadhar Mantry
दो सहेलियों का मनो विनोद
दो सहेलियों का मनो विनोद
मधुसूदन गौतम
विषय:गुलाब
विषय:गुलाब
Harminder Kaur
*** चल अकेला.....!!! ***
*** चल अकेला.....!!! ***
VEDANTA PATEL
4737.*पूर्णिका*
4737.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मैं गर्दिशे अय्याम देखता हूं।
मैं गर्दिशे अय्याम देखता हूं।
Taj Mohammad
काश! मेरे पंख होते
काश! मेरे पंख होते
Adha Deshwal
दो घड़ी अयन फिर बच्चा हो गया
दो घड़ी अयन फिर बच्चा हो गया
Mahesh Tiwari 'Ayan'
जिंदगी सीरीज एक जब तक है जां
जिंदगी सीरीज एक जब तक है जां
DR ARUN KUMAR SHASTRI
वो ठोकर से गिराना चाहता है
वो ठोकर से गिराना चाहता है
अंसार एटवी
जो खुद को हमारा
जो खुद को हमारा
Chitra Bisht
एहसास
एहसास
Sushmita Singh
जो कहना है
जो कहना है
DrLakshman Jha Parimal
હું તને પ્રેમ કરું તેમાં શું નવાઈ!!
હું તને પ્રેમ કરું તેમાં શું નવાઈ!!
Iamalpu9492
अपना मान जो खोता है
अपना मान जो खोता है
jyoti jwala
काल्पनिक अभिलाषाओं में, समय व्यर्थ में चला गया
काल्पनिक अभिलाषाओं में, समय व्यर्थ में चला गया
Er.Navaneet R Shandily
*जाति मुक्ति रचना प्रतियोगिता 28 जनवरी 2007*
*जाति मुक्ति रचना प्रतियोगिता 28 जनवरी 2007*
Ravi Prakash
*बचपन*
*बचपन*
Pallavi Mishra
"हिचकी" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
#सुप्रभात
#सुप्रभात
*प्रणय प्रभात*
कली से खिल कर जब गुलाब हुआ
कली से खिल कर जब गुलाब हुआ
नेताम आर सी
याद रख कर तुझे दुआओं में ,
याद रख कर तुझे दुआओं में ,
Dr fauzia Naseem shad
बढ़ता चल
बढ़ता चल
Mahetaru madhukar
अगर मांगने से ही समय और प्रेम मिले तो क्या अर्थ ऐसे प्रेम का
अगर मांगने से ही समय और प्रेम मिले तो क्या अर्थ ऐसे प्रेम का
पूर्वार्थ देव
नि: शब्द जीव
नि: शब्द जीव
amankumar.it2006
कुछ तो पोशीदा दिल का हाल रहे
कुछ तो पोशीदा दिल का हाल रहे
Shweta Soni
....बेटों को भी सिखाएं...
....बेटों को भी सिखाएं...
rubichetanshukla 781
Loading...