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10 May 2017 · 1 min read

पगली

दिल की बातों की
आजमाइश नहीं होती ।
इसके लिये कोई
फरमाईश नहीं होती
आँखो ही आँखो में
जाने कितनी बातें हो जाती है
कह कर प्यार करने की
इसमें ख्वाहिश नहीं होती।
*******************
जख्म इतना दिया जमाने ने कि
मैं हंसना भूल गयी थी
पर अब जब हंस रही हूँ
तो लोग मुझे पगली कहते हैं।

Language: Hindi
1 Like · 370 Views

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