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31 Oct 2024 · 1 min read

मुक्तक

मुक्तक

चाँद मे दाग क्यूँ नजर आता है
हर एक शख्स आज क्यूँ बीमार नजर आता है l
पीर दिलों की मिटती नहीं ना जाने क्यूँ
केवल एक खुदा ही बेदाग नजर आता है ll

अनिल कुमार गुप्ता अंजुम

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