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16 Feb 2017 · 1 min read

!! वकत हाथ से निकल जाएगा !!

तुम खफ्फा न हो जाना
नहीं तो दिल टूट जाएगा
यूं हस के जीवन गुजार जाना
वकत सही से बीत जाएगा !!

जीवन का क्या भरोसा
न जाने कब यहाँ से ले जाएगा
हम को तो आदात है मिलने के
बस बिना कहे ये समां गुजर जाएगा !!

हर दिन की नई उम्मीद होती है
जो ढूंढ लाती हैं गम और ख़ुशी
ख़ुशी में साथ चलना या न चलना
हर गम में साथ तेरे जीवन गुजर जाएगा !!

छूटती जा रही है पतवार हाथ से
वकत न तेरे साथ में न मेरे साथ में
इस पल को गुजार लेंगे हर हाल में
फिर तो यह वकत भी हाथ से निकल जाएगा !!

अजीत कुमार तलवार
मेरठ

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