जगतमें हो कोई न उदास :: जितेंद्रकमलआनंद ( पोस्ट११६)
श्रंगार छंद
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जगत् में हो कोई न उदास ।
सरस हो हास और परिहास ।
सभीके जीवन कमल सुवास
निरन्तर प्रतिपल हो मधुमास ।।१ ।।
कृष्ण की छवि है सुख का धाम ।
कमल यह सुख ही हो अविराम।
मधुर उनका चरित्र अभिराम ।
रूप मनहर उनका छवि- धाम ।।२ ।।
—- जितेन्द्र कमल आनंद
सॉई विहार कालोनी , रामपुर –२४४९०१ ( उ प्र )