कुछ सवालों के जवाब नहीं मिलते
कुछ सवालों के जवाब नहीं मिलते।
नेकी करके भी सवाब नहीं मिलते।
जो जिंदगी से खुद ब खुद खत्म हो
जहां में ऐसे कोई अजाब नहीं मिलते।
एक पुण्य को गाता फिरे तू दर ब दर।
क्यों पाप के तुम्हें हिसाब नहीं मिलते।
क्यों उसके दामन में ग़म ही ग़म है
खुशियों को कोई असबाब नहीं मिलते।
बेवजह की बेबाकियां अच्छी नहीं है
अच्छे होने के यहां खिताब नहीं मिलते।
सुरिंदर कौर