बोझिल मन है तन थका, क्या पतझड़ ऋतुराज।
बोझिल मन है तन थका, क्या पतझड़ ऋतुराज।
वृद्ध अवस्था में सखी, कौन सुने आवाज।।
©✍️ अरुणा डोगरा शर्मा।
बोझिल मन है तन थका, क्या पतझड़ ऋतुराज।
वृद्ध अवस्था में सखी, कौन सुने आवाज।।
©✍️ अरुणा डोगरा शर्मा।