।।सुकून।।
।।आहत ना हो कोई मुझसे और मैं किसी से ,।।
गुजर जाए जिंदगी बस यूं ही सुकून से।
पल भर के लिये साथ बैठकर मन के सारे राज खोलकर,
प्यार हो या नफरत करना हो गर दूर खुद से ,
तो कह देना आकर ,सिर्फ मुझसे ,
ना करेंगे कभी ,शिकायत फिर तुमसे ।
गुजर जाए जिन्दगी बस यूं ही सुकून से
अपना फ़र्ज़ कुछ यूं अदा करेंगे,
ना तुम्हे मजबूर, ना खुद को बेबस करेंगे ,
हर दिन बदलता है, हर दिल बदलता है ,
बदल गए गर तुम तो क्या गिला ,तुम भी तो हो इसी जमाने से ।
।।गुजर जाए जिंदगी बस यूं हि सुकून से ।।