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30 Jul 2021 · 1 min read

-- रैन बसेरा --

सब कहते मेरा घर बन गया
देखो कितना सुंदर बन गया
लगा दिया संगेमरमर उस पर
हर तरह से इस को सजा दिया !!

नही छोडी कोई कसर उस में
सारे जतन से उस को भर दिया
मंजिल दर मंजिल खड़ी कर दी
तूफानों ने भी अब किनारा किया !!

सच तो यह है बन्दे सुन मुझ से
न यह तेरा , न यह घर मेरा
ये तो बस है चन्द दिन का रैन बसेरा
किस बात है अब घमंड किया !!

पैसा पैसा जोड़ के इस को
रात दिन एक एक किया
कह गए संत महात्मा हम को
भरा थैला भी साथ न दिया !!

यह जग है दो रोज का मेला
कितना भी सज धज कर ले
गयी साँस जो जिस्म से तो
चल फिर राह अकेला रे !!

अजीत कुमार तलवार
मेरठ

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