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13 May 2025 · 1 min read

नकाब

चेहरों का बेनक़ाब होना
मुश्किल है इस अतरंगी दुनिया में
हऱ कोई लगाए बैठा है
यहाँ चेहरे पर चेहरा
छुपाए बैठा है
दिल में कोई राज गहरा
कहाँ कोई कुछ किसी को बता
या समझा पाता है
हऱ किसी की हसरतों का
अलग ही बही खाता है
हऱ चेहरे का अलग ही अंदाज़
अलग ही मिज़ाज़ है
हरे दिखते जो पेड़ अभी
वे जड़ों से खाली जनाब हैँ
नकाब के पीछे छुपे हज़ारों नकाब हैं

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