नकाब
चेहरों का बेनक़ाब होना
मुश्किल है इस अतरंगी दुनिया में
हऱ कोई लगाए बैठा है
यहाँ चेहरे पर चेहरा
छुपाए बैठा है
दिल में कोई राज गहरा
कहाँ कोई कुछ किसी को बता
या समझा पाता है
हऱ किसी की हसरतों का
अलग ही बही खाता है
हऱ चेहरे का अलग ही अंदाज़
अलग ही मिज़ाज़ है
हरे दिखते जो पेड़ अभी
वे जड़ों से खाली जनाब हैँ
नकाब के पीछे छुपे हज़ारों नकाब हैं