ख़ुश रहने की वजह बन गए हो तुम,
ख़ुश रहने की वजह बन गए हो तुम,
ना चाहते हुए भी हर दर्द की दवा बन गए हो तुम।
कौन कहता है मोहब्बत में ख़ुदाई नहीं होती हैं,
मेरे दर पे आ कर देखो,मन्दिर का चराग़ बन गए हो तुम।।
मधु गुप्ता “अपराजिता”
ख़ुश रहने की वजह बन गए हो तुम,
ना चाहते हुए भी हर दर्द की दवा बन गए हो तुम।
कौन कहता है मोहब्बत में ख़ुदाई नहीं होती हैं,
मेरे दर पे आ कर देखो,मन्दिर का चराग़ बन गए हो तुम।।
मधु गुप्ता “अपराजिता”