बांध लिया है कफ़न शीश पर
बांध लिया है कफ़न शीश पर
नहीं मौत का हमको है डर।
तूने आतंकवादी पाले
निर्दोषों पर ताने भाले
ऐसा त्रास तुझे देंगे हम
पाक तेरे दिन होंगे काले
बांध लिया है कफ़न शीश पर ……
हमने है अब मन में ठानी
पाक तेरी देंगे कुर्बानी
तरसेगा तू बूंद बूंद को
नहीं मिलेगा कोई पानी
बांध लिया है कफ़न शीश पर …..
खोज खोज कर ठौर ठिकाने
हमें ड्रोन से सभी उड़ाने
नहीं भागने देंगे बचकर
आए हैं हम पाक मिटाने
बांध लिया है कफ़न शीश पर …..
जिन वीरों ने दी कुर्बानी
सबकी कीमत तुझे चुकानी
दास बनाकर पाक तुझे अब
भरवाएंगे तुझसे पानी
बांध लिया है कफ़न शीश पर …..
डॉ अर्चना गुप्ता