Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Apr 2025 · 1 min read

“वो शख्स”

“वो शख्स”

समझता ही नहीं वो शख्स
अल्फ़ाज़ों की गहराई,
मैंने हर लफ़्ज़ कह दिया
जो थे मोहब्बत से लबरेज।

1 Like · 19 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all

You may also like these posts

वृक्षारोपण कीजिए
वृक्षारोपण कीजिए
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
मुकद्दर
मुकद्दर
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
गुलमोहर के लिए
गुलमोहर के लिए
Akash Agam
बंदर का खेल!
बंदर का खेल!
कविता झा ‘गीत’
पापा
पापा
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
झोपड़ियों से बांस खींचकर कैसे मैं झंडा लहराऊँ??
झोपड़ियों से बांस खींचकर कैसे मैं झंडा लहराऊँ??
दीपक झा रुद्रा
यदि धन है और एक सुंदर मन है
यदि धन है और एक सुंदर मन है
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
मन हमेशा एक यात्रा में रहा
मन हमेशा एक यात्रा में रहा
Rituraj shivem verma
जिनको हमसे रहा है प्यार नहीं
जिनको हमसे रहा है प्यार नहीं
आकाश महेशपुरी
G
G
*प्रणय प्रभात*
-बहुत याद आता है -
-बहुत याद आता है -
bharat gehlot
जीवन ऐसे ही होता है
जीवन ऐसे ही होता है
प्रदीप कुमार गुप्ता
Active रहने के बावजूद यदि कोई पत्र का जवाब नहीं देता तो वह म
Active रहने के बावजूद यदि कोई पत्र का जवाब नहीं देता तो वह म
DrLakshman Jha Parimal
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Neelofar Khan
*** तोड़ दिया घरोंदा तूने ,तुझे क्या मिला ***
*** तोड़ दिया घरोंदा तूने ,तुझे क्या मिला ***
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
हिन्दी भाषा के शिक्षक / प्राध्यापक जो अपने वर्ग कक्ष में अंग
हिन्दी भाषा के शिक्षक / प्राध्यापक जो अपने वर्ग कक्ष में अंग
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
प्रीत प्रेम की
प्रीत प्रेम की
Monika Yadav (Rachina)
गुज़रा हुआ ज़माना
गुज़रा हुआ ज़माना
Surinder blackpen
एक हद मुकर्रर करो
एक हद मुकर्रर करो
Minal Aggarwal
4324.💐 *पूर्णिका* 💐
4324.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
रंग सांवला लिए फिरते हो
रंग सांवला लिए फिरते हो
MEENU SHARMA
*
*"हरियाली तीज"*
Shashi kala vyas
चुकंदर
चुकंदर
Anil Kumar Mishra
*साम्ब षट्पदी---*
*साम्ब षट्पदी---*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
तुम्हारा साथ
तुम्हारा साथ
Saraswati Bajpai
"Appreciate the efforts. When someone is giving their all to
पूर्वार्थ
चल आज फिर मुझसे कुछ बात कर।
चल आज फिर मुझसे कुछ बात कर।
Jyoti Roshni
गृहस्थ आश्रम
गृहस्थ आश्रम
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
दोहा सप्तक. . . . . .  अभिसार
दोहा सप्तक. . . . . . अभिसार
sushil sarna
मुक्तक
मुक्तक
Er.Navaneet R Shandily
Loading...