‘अनुभव’ शब्द से घबराता है,

‘अनुभव’ शब्द से घबराता है,
‘मन’ अहसास से घबराता है,
‘जीवन’ संघर्ष से घबराता है,
‘वक्त’ निकल जाने से घबराता है,
दिल में ये उथल-पुथल रहता है,
चेहरा फिर भी मुस्कुराता है।
–पूनम झा ‘प्रथमा’
‘अनुभव’ शब्द से घबराता है,
‘मन’ अहसास से घबराता है,
‘जीवन’ संघर्ष से घबराता है,
‘वक्त’ निकल जाने से घबराता है,
दिल में ये उथल-पुथल रहता है,
चेहरा फिर भी मुस्कुराता है।
–पूनम झा ‘प्रथमा’