मोबाइल ने सबको है धंधे पे रखा,

मोबाइल ने सबको है धंधे पे रखा,
अजब सी सभी में कहानी नई है
अब महफ़िल में पसरे सन्नाटे देखो,
बहारें उजड़कर वीरानी हुईं हैं।
वमन हो गयी, उसकी भी ले ली फोटो,
अपच है मुझे यह जताने लगे हैं।
रहा दौर निजता का अब तो कहीं न,
स्टेटस में पे सब कुछ लगाने लगे हैं।
जो कल तक बनाती थी गोबर के उपले,
अब उसके भी कितने फ़साने हुये हैं।
जगरिनिया भी देखो हुई आज मैडम,
पति उसको डार्लिंग बुलाने लगे है।