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3 Feb 2024 · 1 min read

*कुछ तो बात है* ( 23 of 25 )

कुछ तो बात है

रात मे भी, कुछ तो बात है
तभी चाँद तारों ,की सौगात है …

कभी तो सुधरे, ज़रूर होंगे
तभी बिगड़े हुए, हालात हैं …

जिन्हें मांगने से, मिल गई ख़ुशी
उन्हें लगा सुनती ,कायनात है …

वो लोग लकीरें, नहीं टटोलते
जिनका विश्वास ,उनके हाथ है…

इस भ्रम ने ,दे दी ज़िन्दगी
कोई है जो ,उसके साथ है …

मंज़िल नहीं ,है कदमों का जुनूं
उनका हर दिन ,आबाद है…

मिटा पाया तूफ़ा, ना ही बवंडर
जाने किसकी ,दुआ साथ है …

न हो सकेंगे ,बयां शब्दों में
बड़े ही गहरे ,जस्बात हैं…
– क्षमा उर्मिला

3 Likes · 193 Views
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