“साहित्य की गली में”

“साहित्य की गली में”
साहित्य की गली में
जब कभी निकलता हूँ मैं
तो शब्द कभी
मुस्कुराते हुए दिखते हैं
तो कई मर्तबा
नाचते-गाते हुए मिलते हैं।
“साहित्य की गली में”
साहित्य की गली में
जब कभी निकलता हूँ मैं
तो शब्द कभी
मुस्कुराते हुए दिखते हैं
तो कई मर्तबा
नाचते-गाते हुए मिलते हैं।