यादों का सफर
कल हम होंगें या नहीं होंगें
यादें दिलों में हमेशा रहे
कुछ काम ऐसा हम कर जाएं
दुनिया में नाम हमेशा रहे।
जो सांसें मिली इस जीवन में
चलो कर्ज उनका हम चुका जाएं
क्यों गुमान करना इस जीवन पर
हर धर्म अपना हम निभा जाएं।
जीवन तो बहता पानी सा
सागर में इक दिन मिल जाएगा
वहाँ मैं को कैसे खोजोगे
कोई अंश भी ना मिल पाएगा।
यादों का सफर जिंदा ही रहे
यादों में कुछ तो रहने दो।
जीवन को नाम करो औरों के
खुद को औरों में जिंदा रहने दो।
@ विक्रम सिंह