ख़ुदा की इबादत

ख़ुदा की इबादत
मुहब्बत की पैरवी
खुदा की कसम
बस यही जिंदगी
जिसके दिल में जितना एहसास है
कीमती उतना ही वो इंसान है
करता है जो दूसरों का भला
उस से राजी है
खुदा और मुस्तफा
कह गए ये बहुत पहले मौला अली
खुदा की इबादत
मुहब्बत की पैरवी
जो करते है सिर्फ खुद का ख्याल
उन्हीं का हो जाता है फिर जीना मुहाल…
काम दूसरों के जो आ जायेगे
दिल से वो उनकी दुआ पायेगे
जिंदगी में आएगी उनके खुशी
खुदा की इबादत
मुहब्बत की पैरवी
जो दुआ दूसरों के लिए करते है हम
हम को खुद के लिए मागने की जरूरत नहीं
कोई नेकी नहीं जाएगी रा ये गां
उसका अजर हमको मिलेगा यहाँ
लग जाएगी नेमतो की झड़ी ……
खुदा की इबादत
मुहब्बत की पैरवी
देखो दिल में कोई भेद भाव ना रखो
मिलों तो साफ दिल से मिलों
दुश्मनी जो करे तो
माफ उस को करो
ये खुदा का फरमान है
इस से हासिल होगी तुम्हें खुशनु दगी
खुदा की इबादत
मुहब्बत की पैरवी
वो अपने बंदों को बहुत चाहता है
जो भाटक जाता है
तो राह वो ही दिखलाता है
है वो ही मालिके कायनात
ये आसमा उसका
है उसी की ज़मी
खुदा की इबादत
मुहब्बत की पैरवी
खुदा की कसम
बस यही जिंदगी