भारत माँ के लाल
भारत माँ के लाल लाडले
वो सबकी आँख के तारे थे
देश ही सबकुछ था उनका
आजादी के चाहने वाले थे।
देश बने जिसमें हो समता
विचार देश में फैलाया था
दे गिरफ्तारी, जाकर जेल
सोए देश को जगाया था।
लड़ी लड़ाई अन्दर बाहर
हक की बात वो करते थे
मानव सा व्यवहार हो सबसे
मानवता की वकालत करते थे।
अनशन पर जब बैठे जेल में
जेल व्यवस्था को सुधरवाया था
जतिन दास ने दे कुर्बानी
एक नया इतिहास बनाया था।
जेलर तक हुए फिदा भगत पे
सोच को बड़ा बनाया था
हंसते हंसते फांसी चढ़ गये
आजादी का दीप जलाया था।
@ विक्रम सिंह