जरा सी बात को लेकर कभी नाराज मत होना

जरा सी बात को लेकर कभी नाराज मत होना
जरा सा मौन रह लेना मगर अल्फाज मत खोना
बिताए जो तुम्हारे साथ में खुशी के चंद्र वो लम्हे
उन्ही को याद कर लेना मगर हमराज मत होना
तमन्ना है अधूरी सी अजब सी प्यास है दिल में
जो रूठे है_ मेरे अपने _उन्ही के राज है दिल में
जिन्हे ही ढूंढता है दिल नजर अब वो नही आते
यूंही आंखे भिगोकरके मिलन की आस है दिल में
✍️ कृष्णकांत गुर्जर