“जो कुछ भी हो, जीवित रहो।

“जो कुछ भी हो, जीवित रहो।
मृत्यु से पहले मत मरना।
खुद को खो मत देना, उम्मीद मत खोना, दिशा मत खोना। खुद से, अपने शरीर की हर कोशिका से, अपनी त्वचा की हर तंतु से जीवित रहो।
जीवित रहो, सीखो, अध्ययन करो, सोचो, पढ़ो, बनाओ, आविष्कार करो, रचनात्मक बनो, बोलो, लिखो, सपने देखो, डिज़ाइन करो।
अपने भीतर जीवित रहो, बाहर भी जीवित रहो, दुनिया के रंगों से अपने आप को भरो, शांति से अपने आप को भरो, आशा से अपने आप को भरो।
खुशी से जीवित रहो।
जिंदगी में सिर्फ एक ही चीज़ है जिसे तुम्हें व्यर्थ नहीं करना चाहिए,
और वो है खुद ज़िंदगी…”