हे वसंत, मधुकर मधुकरियाँ करती आज किलोलें।

हे वसंत, मधुकर मधुकरियाँ करती आज किलोलें।
मंजरियों,पर मदनशलाका डाल -डाल पर बोलें।।
डा. सुनीता सिंह ‘सुधा’
हे वसंत, मधुकर मधुकरियाँ करती आज किलोलें।
मंजरियों,पर मदनशलाका डाल -डाल पर बोलें।।
डा. सुनीता सिंह ‘सुधा’