अनबूझे रहस्य

जीवन में कुछ ऐसी घटनाएं घटित होतीं है ,जिनका कारण खोजना असंभव होता है।
हमारे मस्तिष्क में कई विचार आते हैं परंतु इन घटनाओं से उनका संबंध जोड़ना केवल कल्पित धारणा का प्रभाव ही प्रतीत होता है , जो सर्वथा सत्याथार विहीन कल्पित अनुमान ही होता है , जिसका कोई तर्कसंगत प्रमाण नहीं पाया जाता है।
परालौकिक प्रसंगों का कोई तर्कसंगत एवं वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध न होने से उनकी विश्वसनीयता एक प्रश्न चिन्ह बनकर रह गई है।
परंतु वैज्ञानिक उपकरणों के माध्यम से नकारात्मक ऊर्जा के प्रभाव का पता लगाने का प्रयास किया गया है।
नकारात्मक ऊर्जा के प्रभाव से एक ही स्थान पर तापमान में अंतर भी देखा गया है।
पदार्थ की विभिन्न अवस्थाओं में नवीन आयामों की भी खोज की गई है। जिनसे हम अभी तक अनिभिज्ञ थे।
नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव मनुष्य के मन मस्तिष्क पर पड़कर उसे प्रभावित करने का कारण बनता है ,
यह एक शोध का विषय है ।
क्या प्रभावित व्यक्ति क्या नकारात्मक ऊर्जा के प्रभाव से कुछ ऐसे अकल्पनीय कृत्य करने को विवश हो जाता है ,जो सामान्य अवस्था में वैसा करने की वह कभी सोच भी नहीं सकता , यह भी एक सोचनीय विषय है।
आत्मा , परमात्मा एवं दुरात्मा का अस्तित्व है या नहीं इस विषय में विभिन्न अनुभूतियों के आधार पर उनकी विवेचना की गई है , परंतु इसका कोई तर्कसंगत ठोस प्रमाण प्रस्तुत करने में अभी तक सफलता नहीं मिली है।
जिन्होंने इस प्रकार की सकारात्मक अथवा नकारात्मक ऊर्जा को अनुभव किया है , उनका इस प्रकार के अस्तित्व पर विश्वास प्रकट होता है।
परंतु जिन्हें इस प्रकार की अनुभूति नहीं हुई है , उनके लिए यह एक कपोल कल्पित धारणा मात्र होकर रह गई है।
अतः इस विषय में लोगों का मत दो भागों में बंटकर रह गया है , एक इसको मानने वाले दूसरे इसको अमान्य कर सिरे से खारिज कर देने वाले।
मनुष्य के लिए ब्रह्मांड के ऐसे कुछ अनसुलझे रहस्य हैं,
जिनसे पार पाना मनुष्य के लिए अभी तक असंभव बना हुआ है।
मनुष्य जिन रहस्यों को खोज नहीं पाता है ,परंतु उनके प्रतिपादित अस्तित्व पर विश्वास करने लगता है ,
को आस्था , अंधश्रृद्धा , रीति रिवाज , परंपरा ,
शास्त्र -सम्मत विचार धारा मानकर इतिक्षी.कर लेता है।