फागुन का उपहार

मिलन का होली है त्योहार
जुड़े हैं इससे दिल से तार
भरे पिचकारी में हैं रंग
भिगोए सबको उसकी धार
हुआ चेहरा भी है रंगीन
खुशी बरसे हैं अपरंपार
सजा देते ये सारे स्वप्न
करो रंगों से देखो प्यार
बनाती मम्मी जो पकवान
बड़े लगते वो लज्जतदार
जले जब होलिका की आग
बुराई को ये देती मार
करें सब ‘अर्चना’ अरदास
दिया फागुन ने है उपहार
डॉ अर्चना गुप्ता
15.03.2025