प्रेयसी का आलिंगन कोबरा सर्प को गले लगाना है

प्रेयसी का आलिंगन कोबरा सर्प को गले लगाना है
यदि प्रेम-भाव न हो।
बात- बात पर शिकायतें करते रहना चलता रहता हो
दिव्य सहलाव न हो।।
प्रेयसी का आलिंगन कोबरा सर्प को गले लगाना है
यदि प्रेम-भाव न हो।
बात- बात पर शिकायतें करते रहना चलता रहता हो
दिव्य सहलाव न हो।।