कितना सुकून देता है कभी कभी,

कितना सुकून देता है कभी कभी,
गले लगना ,
किसी ऐसे शख्स से ,
जिसके गले लगते ही,
हम भूल जाते हैं खुद को ,
आस पास के वातावरण को,
सारी दुनिया कुछ पल के लिए,
अदृश्य सी लगने लगती है,
जिनके गले लगते ही ,
महकने लगती हैं सांसे ,
एक धीमी धीमी सी सुगंध,
तन मन में रचने लगती है,
मन ऐसे खिल जाता हैं ,
मानो कितने सारे फूल एकसाथ खिल गए हों,
और आंखों में भर आता है,
भावनाओं का एक सैलाब सा,
जैसे खुशी में अक्सर आंखों से आंसू छलक आते हैं,
ठीक ऐसे ही भर आता है मन,
जैसे सारी भावनाएं उमड़ घुमड़ कर,
आंखो से बह जाना चाहती हों,
और फिर कितना शांत हो जाता है एकदम ही,
जैसे मिल गया हो सुकून जिंदगी भर का…!