नारी
नारी तुम बिन सब अधूरा है
जो कुछ पूर्ण है तुम बिन अपूर्ण है
सर्वेसर्वा है जो आज
तुम बिन बेपरवाह है
सबकुछ जो अपने को मानते है
तुम बिन कुछ भी नहीं उनका है ।
नारी तुम बिन सब अधूरा है
जो कुछ पूर्ण है तुम बिन अपूर्ण है
सर्वेसर्वा है जो आज
तुम बिन बेपरवाह है
सबकुछ जो अपने को मानते है
तुम बिन कुछ भी नहीं उनका है ।