होली गीत

जबरी लगावल चाहे रंगवा अबीरिया
पकड़ल चाहे देवर होली में कलईया
कहेला की हवे तोहार हिरनी के चाल हो
गुलाबी रंग से रंगल चाहे मोर गोरे गाल हो
फगुआ में बतिया करेला मुंह खोल हो
भरी के अकवारी में घुमावे गोल गोल हो
बलटी में रंग घोल भीगावे मोरा सड़िया
जबरी लगावल चाहे रंगवा अबीरिया
पकड़ल चाहे देवर होली में कलईया
देवरा के चाल चलन तनिको ना भावें
अंगना दुवारी भौजी भौजी बोलावे
फगुआ में खाली सारा रारा सारा रारा गावे
सासु अम्मा देवरा के केतनों दबावे
भगिया के रस में डूबल रंग रसिया
जबरी लगावल चाहे रंगवा अबीरिया
पकड़ल चाहे देवर होली में कलईया