…नारी में ही होती शक्ति..
नारी में ही होती शक्ति
जो जीवन का निर्माण करे।
फिर न जाने क्यों यह दुनिया
नारी का अपमान करें।
जीवन देने वाली का ,
आओ मिलकर सम्मान करे।
नारी ही होती वह शक्ति,
जो जीवन का निर्माण करे।
जिसके बिना सूना घर आंगन,
सूना हर एक कोना है ।
मां ,बेटी ,बहन दादी ,काकी,
इनसे ही तो घर महका है।
इन सबकी ममता का आओ,
हमसब मिलकर इनका आभार करें।
नरी में होती वह सकती ,
जो जीवन का निर्माण करे।
घर को स्वर्ग बनाती हैं ये,
सबको साथ ले चलती है।
छोटे बड़े बच्चे व बूढ़े ,
सबका ख्याल वो रखती है।
परिवार जो जोड़कर रखें,
आओ उनका आभार करे।
नारी ही है वो शक्ति ,
जो जीवन का निर्माण करे।
अबला नही इसे तुम समझो,
हर मुश्किल से लड़ सकती है।
घर बाहर या हो सरहद ,
सबकी रक्षा कर सकती है।
हर सांचें मे ढल जाती हैं
हर किरदार निभाती हैं।
ऐसे ही नही नारी जग में
नारायणी कहलाती है।
रूबी चेतन शुक्ला
अलीगंज
लखनऊ