हालात भले गंभीर हो जाए,

हालात भले गंभीर हो जाए,
पर दिल को सुकून देना पड़ता है।
आंधियों में जलती लौ को,
हौसले की जुनून देना पड़ता है।
ग़म के साये घने हो जाए,
अंधेरों का जब राज़ हो,
तब भी उम्मीद की चिंगारी को,
रोशनी की आवाज़ देना पड़ता है।
~अभिलेश श्रीभारती ~